नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लिखी कविता की पंक्तियां उद्धृत करते हुए शुक्रवार को फिर से भाजपा पर निशाना साधा।
राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की कविता …अग्निपरीक्षा में..को उद्धृत करते हुए लिखा, “आइए हम अर्जुन की तरह दो प्रतिज्ञा लेते हैं, दीनता स्वीकार न करें और चुनौतियों से कभी भागे नहीं।”
शिव सेना नेता ने इससे पहले गुरुवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की स्थितियां पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिव सेना के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान जो सहमति बनी थी उसके अनुसार हम 50:50 फॉर्मूला के तहत ढाई वर्ष के लिए शिव सेना का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना के महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया है तो फिर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा क्यों नहीं पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा स्वयं भी सरकार नहीं बनाना चाहती और न ही दूसरे को सरकार बनाने दे रही है। भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए वह सरकार नहीं बना पा रही है।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि शिव सेना को धमकी या ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता। जिन लोगों के पास सत्ता होती है वही साम, दाम, दंड और भेद का इस्तेमाल करते हैं। राउत ने कहा कि जनता की जनभावना है कि मुख्यमंत्री शिव सेना का हो।
उन्होंने कहा कि आज सभी विधायकों की बैठक हुई थी और सभी ने एकमत से कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सरकार बनाने के संदर्भ में जो निर्णय लेंगे वह हम सभी को मान्य होगी। शिव सेना किसी भी विधायक को किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं ले गई है।
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद से शिव सेना अपनी बात पर खड़ी है कि ढाई-ढाई वर्ष के लिए दोनों पार्टी को मुख्यमंत्री बनाने का मौका मिलना चाहिए। राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य का नुकसान हो रहा है। हम लोग शुरू से कह रहे हैं कि हम गठबंधन तोड़ने का पाप नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम 24 अक्टूबर को आया जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो रहा है और अगर कोई दल या दलों का गठबंधन सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आता है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है।