अजमेर। संस्कार भारती की ओर से 14 अगस्त से पुष्कर के पुराने रंगजी मंदिर में चल रहे श्री रंगम संगीत उत्सव ने कला साधकों ने धर्मप्रेमियों का मन मोह लिया। अंतिम दिन कजली तीज पर संगीत संग भजनों की ऐसी रसधार बही कि श्रोता झूम उठे।
संस्था के प्रांतीय प्रमुख सुरेश बबलानी ने बताया कि शुक्ल पक्ष की तीज से लेकर कृष्ण पक्ष की तीज के बीच प्रतिदिन मंदिर परिसर में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इस दौरान राजस्थान के अलग अलग स्थानों से आई मंडलियों ने भारतीय वाद्ययंत्रों की धुन पर शास्त्रीय और उपशास्त्रीय संगीत के साथ एक से बढकर एक प्रस्तुति दी।
इस बार बांसवाडा, भीलवाडा, उदयपुर, गुलाबपुीरा तथा अजमेर से आए कलाकारों ने ब्रहमा की नगरी पुष्कर में लगे सावन के झूलों के बीच धर्मप्रेमियों को भक्तिभाव से भर दिया। राजस्थान के लोक देवताओं के भजनों के जरिए धर्म और संस्कृति का भान कराया।
मेहमान कलाकार आशीष रावलोत ने बाजे रे मुरलिया बाजे रे, खुशी वर्मा, राजकंवर, मुस्कान ने म्हारा सांवरा गिरधारी रे, वंदना जांगिड, सिमरन कौर, सुनीता शर्मा ने म्हारी विनती सुनो जी रामाउ पीर भजनों पर खूब तालियां बटोरी। इस दौरान प्रशांत बुंदेल ने तबला, आशीष रावलोत ने हारमोनियम, यश शर्मा ने बांसुरी, राहुल शर्मा ने गिटार वादन किया।