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भगवान शंकर से सीख सकते हैं जिम्मेदारी उठानाः संत कृपाराम - Sabguru News
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भगवान शंकर से सीख सकते हैं जिम्मेदारी उठानाः संत कृपाराम

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भगवान शंकर से सीख सकते हैं जिम्मेदारी उठानाः संत कृपाराम
sant kriparam worshiping lord shiva in gurukripa ashram near sirohi
followwrs of sant kriparam in surukripa ashram sirohi
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। संत कृपाराम ने कहा कि भगवान शिव का नाम एक जिम्मेदारी भी है अगर हम शंकर भगवान की तरह जीवन में जिम्मेदारी उठाना सीख ले तो जीवन बदल सकता है। वे सिरोही से सटे गुरु कृपा आश्रम में महारुद्राभिषेक महोत्सव में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
संत कृपाराम ने शिव महिमा और इससे जीवन में होने वाले लाभ के बारे में बताया।

संत कृपाराम महाराज ने कहा कि परिवार समाज के प्रति उत्तरदायित्व उसके साथ संतुलन बनाना हम भगवान शंकर से सीख सकते हैं, बाकी सभी देव कहलाए लेकिन शंकर भगवान महादेव कहलाए, क्योंकि शंकरजी ने जहर भी पिया और अमृत भी पिया।

sant kriparam worshiping lord shiva in gurukripa ashram near sirohi
sant kriparam worshiping lord shiva in gurukripa ashram near sirohi

संत ने कहा कि भगवान शंकर के जटाओ में गंगा विराजमान है तो वह शीतल है। माथे पर चंद्रमा है जो अमृत समान है, गरल में विष है। इसी प्रकार दुनिया में रहने के लिए व्यक्ति को भगवान भोलेनाथ की तरह ईर्ष्या, ताने, लोगों के द्वारा परेशान करने की हरकतों आदि से बचने के लिए जहर की तरह उसे पचाने की शक्ति रखनी चाहिए। इस मौके पर गुरुवर राजाराम महाराज ने आशीर्वचन कहे और आगंतुकों का स्वागत किया।
महंत तीर्थ गिरी ने कहा कि आश्रम में पवित्र श्रावण मास में अभिषेक व प्रवचन से क्षेत्र की जनता लाभान्वित हुई है। उन्होंने कहा संत कृपाराम महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं जिन्हें हमारे शास्त्रों का अच्छा ज्ञान है।

उन्होंने युवाओं को अध्यात्म से जोड़ने तथा पाश्चात्य संस्कृति से विमुख होने का आवाहन किया है। सिरोही की धरती पर गुरु कृपा आश्रम बनने से सभी को आने वाले समय में इससे आत्म-कल्याण का लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य एवं पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि सनातन धर्म का भारत देश पर उपकार है। हमारे संतों ने अपनी सोच से राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य का जीवन सिर्फ 32 वर्ष का रहा, लेकिन उन्होंने भारतवर्ष का तीन बार पैदल भ्रमण किया और उन्हें विपरीत परिस्थितियों में अद्वैतवाद को ना केवल प्रतिष्ठित किया बल्कि चारों दिशाओं में पीठ की स्थापना कर संपूर्ण भारतवर्ष को जोड़ा।

लोढा ने कहा कि सनातन धर्म पूरी पृथ्वी को अपना परिवार मानता है और यही सोच थी कि जिसके कारण स्वामी विवेकानंद अमेरिका तक में धर्म प्रचार करने गए। उन्होंने कहा कि संत कृपाराम अपने ध्यान, तप एवं अध्ययन से सनातन धर्म की गौरवशाली संत परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
लोकेश खंडेलवाल के अनुसार कार्यक्रम में मेड़ता रोड के महंत मोहन महाराज, संत पंछी दास महाराज सहित कई संत महात्माओं का सानिध्य रहा। इस अवसर पर आयोजक परिवार के बालकृष्ण पालीवाल, चंपालाल सुथार नागौर, दलपत माली सिरोही, भरतभाई खंडेलवाल डीसा, रघुनाथ माली सिरोही, कैलाश अग्रवाल स्वरूपगंज, तखतसिंह राठौड़ सुमेरपुर, रामगोपाल अग्रवाल आबूरोड, जीवाराम देवासी जालोर, घनश्याम सुथार जोधपुर, शेषमल खंडेलवाल मंडवाड़ा, महेश शर्मा जालौर, इंद्रमल बोहरा, नंदकिशोर बीसा सोजत, नारायणलाल लोहिया, तिलोकचंद गहलोत, सुरेंद्र जैन सिरोही, अशोक पंचारिया, हस्तीमल सुथार, चंपालाल छिपा, अनिल एरन सहित भारी संख्या में स्त्री-पुरुष व भक्तजन मौजूद थे।
गूंजे वेदमंत्र, महारुद्राभिषेक सम्पन्न
गुरु कृपा आश्रम में सावन के सोमवार के अवसर पर आयोजित महा रुद्राभिषेक के आयोजन में आचार्य कंवरलाल जोशी फलोदी के सानिध्य में हुआ। वेदपाठी पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच महारुद्राभिषेक संपन्न कराया। इस मौके पर भारी तादाद में भक्तो ने भाग लिया।