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भरतपुर कलेक्टर की रिपोर्ट पर कुंडली मारकर क्यों बैठी रही गहलोत सरकार : शेखावत - Sabguru News
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भरतपुर कलेक्टर की रिपोर्ट पर कुंडली मारकर क्यों बैठी रही गहलोत सरकार : शेखावत

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भरतपुर कलेक्टर की रिपोर्ट पर कुंडली मारकर क्यों बैठी रही गहलोत सरकार : शेखावत

जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने हर पाप के लिए भारतीय जनता पार्टी को दोष देने में अशोक गहलोत को महारत हासिल है।

गहलोत सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए संत बाबा विजय दास जी को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी, पर असल मुद्दे के बजाय मुख्यमंत्री मौत की परिस्थितियों की जांच प्रिंसिपल सेक्रेटरी से कराने के बहाने सच से बचने की कोशिश कर रहे हैं। आखिर क्या कारण थे, जो 9 महीने से ज्यादा समय तक गहलोत सरकार भरतपुर कलेक्टर की रिपोर्ट पर कुंडली मारकर बैठी रही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत सरकार की निगरानी में हिंदुओं की आस्था के प्रतीक कनकालचल और आदिब्रदी पहाड़ों को अंधाधुंध तरीके से छलनी किया जा रहा था, जिसके विरोध में साधु-संत संघर्ष कर रहे थे, लेकिन अब गहलोत साहब सफाई दे रहे हैं कि वहां कोई अवैध खनन नहीं हो रहा था। लीज पर खदानें चल रही थीं, जबकि सच्चाई यह है कि वहां बड़े स्तर पर अवैध रूप से खनन हो रहा था, जिसके खिलाफ सैकड़ों एफआईआर दर्ज हैं।

शेखावत ने कहा कि मीडिया ने भी इस बात को उजागर किया है कि माफिया 60 से अधिक स्थानों पर अवैध खनन कर रहा था। मात्र 9 महीनों में 10 प्रतिशत पर्वतों को माफिया खा गया। 30 लाख टन पत्थर माफिया खोद ले गया। साधु-संतों ने सत्तारूढ़ सरकार के नेताओं और अफसरों पर खनन माफिया से गठजोड़ के गंभीर आरोप तक लगाए थे।

शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं कि 18 जुलाई को मीडिया के माध्यम से मैंने साधु-संतों को मैसेज करा दिया था। मैं मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं, जब 1 अक्टूबर 2021 को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री ने साधु-संतों और आंदोलनरत लोगों से मुलाकात कर आश्वासन दिया था कि खनन की गतिविधियों को बंद कर दिया जाएगा।

2 अक्टूबर 2021 को भरतपुर कलेक्टर को जांच के आदेश दिए थे, जिसने अपनी रिपोर्ट 12 अक्टूबर 2021 को सौंप दी थी। फिर आखिर क्या कारण थे, जो 9 महीने से ज्यादा समय तक गहलोत सरकार कलेक्टर की रिपोर्ट पर कुंडली मारकर बैठी रही। जब इतने दिनों आपकी सरकार ने कलेक्टर की रिपोर्ट पर कुछ नहीं किया तो मीडिया के माध्यम से पहुंचाए आपके संदेश पर साधु-संत कैसे भरोसा कर लेते?

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि अवैध खनन को रोकने में गहलोत सरकार की रुचि नहीं थी। उसके ढुलमुल रवैये ने संत बाबा विजय दास जी को आत्मदाह के लिए विवश किया। गहलोत सरकार ही संत की मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के प्रिय खान मंत्री के संरक्षण में खनन माफिया प्रदेश में काम कर रहा है। सत्ता पक्ष के विधायक चीख-चीख कर इस बात को कह रहे हैं, लेकिन जाने कौन सी मजबूरी है, लालच है, जो मुख्यमंत्री आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं या दिल्ली से कोई इशारा है।

दो दिन पहले अवैध खनन को लेकर कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संत बाबा विजय दास जी की भांति आत्मदाह तक की चेतावनी दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने अब तक भरत सिंह जी के आरोपों का जवाब नहीं दिया है। उनका तो हर सवाल पर एक ही रटा-रटाया जवाब होता है कि भारतीय जनता पार्टी दोषी है।

शेखावत ने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) पर मुख्यमंत्री की मंशा साफ नहीं है। वो ईआरसीपी को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं हैं, वो इस योजना के बहाने जनता को गुमराह करना चाहते हैं। उनका उद्देश्य असल मुद्दों से जनता को भटकाना है, जबकि ईआरसीपी पर वो भलीभांति जानते हैं कि 75 प्रतिशत डिपेंडबिलिटी पर ही प्रोजेक्ट कंसीव किया जा सकेगा। ईआरसीपी पर राजनीति कर वे 13 जिलों की जनता के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ गांधी परिवार को खुश करने के लिए हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल से गहलोत साहब कुर्सी कैसे बची रहे, ऐन-केन-प्रकारेण से इसी में लगे हुए हैं। अपनी पार्टी के युवा नेता के साथ उन्होंने क्या व्यवहार किया है, यह जगजाहिर है। बसपा पार्टी के विधायकों का केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि इसमें भी क्या भारतीय जनता पार्टी का दोष है।

शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार ईडी के दुरुपयोग का रोना रोते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर हैं। जांच में ईडी का सहयोग करने के बजाय कांग्रेस पार्टी जो राजनीति और हंगामा खड़ा करना चाहती है, वो भी देश देख रहा है। आखिर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच से ऐसा क्या डर है, मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सुशासन और शानदार परफॉर्मेस जैसी बातें मुख्यमंत्री गहलोत के मुख से अच्छी नहीं लगतीं। बेरोजगार, युवा, किसान, माताएं-बहनें, छात्र, आमजन आपके सुशासन से परिचित हैं। प्रदेश में लूट, बलात्कार, हत्या जैसी घटनाएं रोजाना अखबारों की सुर्खियां बनती हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल तो यह है कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस में दवाएं नहीं मिल रही हैं। डाई खत्म होने से एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी अटक गई। बेरोजगार सड़कों पर संघर्ष कर रहा है। रीट जैसी परीक्षाओं की व्यवस्थाओं से सब वाकिफ हैं।

शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके भारतीय जनता पार्टी को दोष देने से जनता संतुष्ट नहीं होने वाली। प्रदेश की जनता सब देख रही है। वो जानती है कि तुष्टीकरण की राजनीति का असली चैंपियन कौन है। पिछले बार आपको जनता ने 21 सीटों पर समेट दिया था। इस बार भी वैसा ही सबक सिखाने के लिए जनता इंतजार कर रही है। लगता है कि जनता आपका पिछला रिकॉर्ड भी तोड़ेगी। अच्छा तो यही होगा कि आरोप-प्रत्यारोप और भ्रम की राजनीति करने के बजाय शेष बचे 17-18 महीने के कार्यकाल में जनता से किए वादे पूरे करें।