अयोध्या। अयोध्या के विवादित रामजन्मभूमि स्थल पर आगामी 27 अक्तूबर को दीपोत्सव की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में संत समाज अब सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
विश्व हिन्दू परिषद ने दीपावली के दिन विवादित स्थल में दीपोत्सव की अनुमति मांगी थी जिसे जिला प्रशासन ने देने से मना कर दिया। अयोध्या के मंडलायुक्त और रामजन्मभूमि के रिसीवर मनोंज मिश्र ने आज सोमवार को कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार परम्परागत कार्यक्रम के अलावा किसी अन्य आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
अनुमति के लिए संत समाज और साधुओं ने आज मंडलायुक्त से भी मुलाकात की थी और अनुमति नहीं देने पर अपना रोष भी जताया था। संतों के प्रतिनिधिमंडल में मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, संत समिति के अध्यक्ष कन्हैया दास और विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा थे।
शरद शर्मा ने कहा कि लंका विजय के बाद राम के अयोध्या लौटने पर ही पूरे भारत में दीवाली मनाई जाती रही है। राम के जन्मस्थल पर ही इसका आयोजन नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसीलिए संत समाज ने इसके लिए उच्चतम न्यायालय जाने का निर्णय लिया है। विहिप के दीपोत्सव की अनुमित मांगने को देखते हुए मुसलमानों ने भी नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी थी।