सिरोही। मुख्यमंत्री के सलाहकार और सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने शनिवार को मुख्य सचिव से मुलाकात की। इस दौरान माउंट आबू के बिल्डिंग बायलॉज़ के नोटिफिकेशन को लेकर भी बात की।
उन्होंने मुख्य सचिव उषा शर्मा को बताया कि माउंट आबू का जोनल मास्टर प्लान 2015 में लागू हो चुका है। मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयास से इसका बायलॉज 2019 में लागू हो चुका है।
इसका एस टू ज़ोन की सीमा का निर्धारण भी 25 अप्रेल, 2022 को हो गया है। लेकिन, इसका गजट प्रकाशन माउंट आबू नगर पालिका द्वारा अब तक नहीं करवाने से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने सीएस से कहा कि इसका नोटिफिकेशन हो जाने से मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार जोनल मास्टर प्लान के प्रावधानों के अनुसार माउंट आबू के स्थानीय बाशिंदों के जर्जर भवनों की मरम्मत, रिनोवेशन, पुनर्निर्माण और नवनिर्माण की अनुमति मिल पाएगी। जिससे करीब 35 सालों से भवन निर्माण नहीं होने के बिखर चुके सामाजिक और आर्थिक ताने बाने को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिरोही जिले में आगमन पर दो दिवसीय माउंट आबू प्रवास में माउंट आबू के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से राजे को गहलोत शासन को घेरने का मौका मिला है। मुख्यमंत्री के सलाहकार के माउंट आबू को लेकर मुख्य सचिव के समक्ष जो चर्चा की गई है यदि उस पर शीघ्र अमल हुआ तो डेमेज कंट्रोल में काफी सहायक होगा।
कार्यकारी समिति गठित करने का दिया सुझाव
विधायक संयम लोढा ने सीएस से माउंट आबू में पर्यटकों के आकर्षण को बढाने के लिये डवलपमेंट के प्रोजेक्ट को गति देने को शीघ्र आबू विकास समिति के साथ साथ एक कार्यकारी समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की जाए। जिससे माउंट आबू में पर्यटकों के आकर्षण के लिये नियमित रूप से विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
साथ ही लोढा ने स्पोर्ट्स एडवेंचर गतिविधिया भी शुरू की बात कही इस पर मुख्य सचिव ने माउंट आबू को पर्यटन नक्शे में उभारने के लिए और वहां के लोगों को सम्बल देने के लोढ़ा के सुझावों पर शीघ्र अमल का आश्वासन दिया।