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दुबई में फंसे 14 अन्य नौजवान सुरक्षित वापस लौटे - Sabguru News
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दुबई में फंसे 14 अन्य नौजवान सुरक्षित वापस लौटे

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दुबई में फंसे 14 अन्य नौजवान सुरक्षित वापस लौटे

अमृतसर। दुबई में फंसे 29 भारतीय नौजवान में से 14 और नौजवानों को मंगलवार को ‘सरबत दा भला ट्रस्ट’ के प्रयास से श्री गुरु रामदास हवाई अड्डा राजासांसी लाया गया।

सरबत दा भला ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह ओबराय ने आज बताया कि इन नौजवानों को दुबई की एक कंपनी ने सिक्योरिटी के काम के लिए भारत से दुबई बुलाया था, परन्तु कुछ महीनों बाद ही पाकिस्तान के साथ सबंधित कंपनी का मालिक अपनी कंपनी बंद कर फरार हो गया। उन्होंने बताया कि कंपनी बंद हो जाने से जहां इन नौजवानों का भविष्य अधर में अटक गया, वहीं उनके तीन से छह महीनों का वेतन भी नहीं दिया गया।

उन्होंने बताया कि जब उक्त नौजवानों ने उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई तो सरबत दा भला ट्रस्ट ने इन नौजवानों की मुश्किल को भांपते हुए अपने ख़र्च पर इनको वापस भारत लेकर आने का फ़ैसला लिया। जिसके अंतर्गत वह इन नौजवानों के वापस आने के लिए ज़रूरी कागज़ात मुकम्मल करने के अलावा दुबई से भारत की हवाई टिकटों, जुर्माने, ओवर स्टे का खर्चा भी उन्होंने ख़ुद अदा किया है।

डॉ. ओबराय ने बताया कि कुल 29 नौजवानों में से 10 नौजवान, जिनके कागज़ात मुकम्मल थे, उनको पहले ही उनके घरों में पहुंचा दिया गया है। जबकि आज 14 अन्य नौजवान दुबई से भारत आये। उन्होंने कहा कि शेष पांच नौजवानों को भी जल्द ही दस्तावेज पूरा हाेने के बाद वापस लाया जाएगा।

आज भारत पहुचने वाले नौजवानों में से 11 नौजवान पंजाब, दो हिमाचल और एक हरियाणा से हैं, जबकि कुल 29 नौजवान में पंजाब के 18, हरियाणा के छह, हिमाचल प्रदेश के चार और दिल्ली का एक नौजवान शामिल था। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब के कुल 18 नौजवानों में से सात हो‌शियार जिले से हैं।

डा. ओबराय ने बताया कि जब तक सभी नौजवान वापस नहीं आ जाते तब तक दुबई में उनकी रिहायश और खाने का प्रबंध भी पहले की तरह उनकी तरफ से ही जारी रहेगा। एक सवाल का जवाब देते उन्होंने कहा कि मस्कट में फंसी सभी लड़कियों को बचाने के लिए वह भरसक प्रयास कर रहे हैं, परन्तु विदेश मंत्रालय को भी उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

दुबई से स्वदेश पहुंचे नौजवानों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि डाॅ. ओबराय तो उनके लिए ईश्वर बन कर आए हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ किए गए इस परोपकार के लिए वह और उनके परिवार हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।