भला हो हनी सिंह और जॉन सीना का..
जिसने आज के बच्चो को फैशन के नाम पे बाल बारीक़ छोटे रखना सीखा दिया..
हमारी तो सबसे ज्यादा कुटाई ही बालो को लेके हुई थी।।
हम दिलजले के अजय देवगन बनके घूमते थे,
और जिस दिन पापा के हाथ लग जाते
उस दिन नाईं की दुकान से क्रन्तिविर के नाना पाटेकर बनाके ही घर लाते थे
टीचर ने छात्रों से पुछा।
टीचर: एक बात बताओ, तुम पढाई में ध्यान क्यों नहीं देते?
एक छात्र: क्योंकि पढाई सिर्फ दो वजहों से की जाती है।
1st डर से
2nd शौख़ से
और,
फालतू के शौख हम रखते नहीं और
डरते तो किसी के बाप से नहीं।
बच्चा: अंकल डेटाल साबुन है क्या?
दुकानदार (नाक से ऊँगली निकालते हुए):
हाँ बेटा, है ना!
बच्चा: तो फिर हाथ धोके क्रीमरोल दे दो…
स्वच्छ भारत अभियान को समर्पित