अलवर। राजस्थान के अलवर में मूक बधिर बालिका के साथ हुई हैवानियत के मामले में आज अलवर शहर सफल बंद रहा हालांकि बंद में मौसम भी मेहरबान रहा।
सुबह से ही बारिश होने के कारण सर्व समाज संघर्ष समिति के लोगों को बंद कराने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी हालांकि एक दिन पहले हुई बैठक में सभी व्यापारियों ने अलवर बंद में अपना समर्थन देने का निर्णय लिया था। उसके बावजूद भी आज इस बरसात के मौसम में भी युवा टोलियों में अलवर शहर में घूम रहे थे जो दुकानें खुली थी उन को बंद कराने का प्रयास किया।
इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलावा अलवर शहर की छोटी से छोटी दुकानें भी इस घटना के विरोध में बंद रखी गई। होप सर्कस पर हुई सभा पर भी वक्ताओं ने अलवर कलक्टर और पुलिस अधीक्षक के तबादले की मांग करते हुए कहा कि सीबीआई से पहले साक्ष्य मिटाने का मतलब है कि कहीं ना कहीं राज्य सरकार अपनी गलती को छुपाने का काम कर रही है।
सिख समाज के प्रतिनिधि हरमीत सिंह मेहंदी रत्ता ने बताया कि घटनास्थल की सफाई करना पुलिस को संदेह के घेरे में लाती है और उनकी पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। पुलिस की बयान बाजी और इनकी कार्यशैली से स्थानीय जन आक्रोश फैला हुआ है।
उन्होंने बताया कि अब तक इस पुल का कभी सफाई नहीं की गई लेकिन सबूतों को मिटाने के लिए पुल की सफाई की गई इससे और भी ज्यादा संदेह गहरा जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अलवर शहर जहां गंदगी से पटा हुआ है वहां की तो सफाई नगर परिषद कराती नहीं है और पुल की सफाई को करा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सीबीआई जांच की घोषणा जब मुख्यमंत्री ने कर दी और जो घटनास्थल है उसकी सुरक्षा करना अलवर जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक का काम है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस हर कदम साक्ष्य मिटाने का अपना जुर्म करती जा रही है और यह समझ से परे है कि किसके दबाव में कर रहे हैं।
इधर सर्व समाज संघर्ष समिति के चेयरमैन अभय सैनी ने आरोप लगाया कि 11 जनवरी को मूक बधिर बालिका के साथ हुई हैवानियत के मामले में पुलिस बार-बार बयान बदल रही है। सीबीआई जांच से पहले घटनास्थल पुल की सफाई करा कर और संदेह को गहरे कर दिया है। राज सरकार के दबाव में पुलिस काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा आंदोलन जारी रहेगा।
इधर अलवर सांसद महंत बालक नाथ ने आरोप लगाया है कि पुलिस दुर्घटना आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। उन्होंने सीधा सीधा हमला बोला कि सरकार विशेष समुदाय के लोग को बचाना चाहती है। पुलिस की कार्रवाई से ऐसा लगता है।
उन्होंने अलवर बंद का समर्थन करते हुए कहा कि जब से राजस्थान सरकार ने सीबीआई जांच की घोषणा की है तब से अब तक पीड़िता से संबंधित साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।