अजमेर। विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले कर्मचारी संगठनों के सब्र का बांध टूटने लगा है, खासकर भाजपा सरकार समर्थित दल भी अब खुलकर आंदोलन पर उतर आए हैं। बीएमएस से संबद्ध कर्मचारी संगठन अपनी मांग चार साल के लंबे इंतजार के बाद भी कोई राहत मिलती न देख आर पार की लडाई के मूड में हैं।
भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध सर्व शिक्षा अभियान कर्मचारी संघ ने (पूर्व लोक जुम्बिश कर्मचारी) लंबित मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री के निवास का घेराव का ऐलान किया था। राजनीतिक स्तर पर समझाइश के बाद संघ ने मंत्री के निवास पर हंगामे की रणनीति टाल दी लेकिन कलेक्ट्रेट के बाहर गुरुवार से कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
सर्व शिक्षा अभियान से जुडे कर्मचारी अपनी सेवाओं को नियमित किए जाने, सुविधाएं बहाल करने, 7वां वेतन आयोग का नियमानुसार लाभ देने, ग्रेच्युटी सुविधा लागू करने की मांग को लेकर अर्से से संघर्षरत हैं। बीती 19 अप्रेल को शिक्षामंत्री और प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा के साथ संगठन की वार्ता में सुविधाएं बहाल किए जाने पर सहमति प्रदान कर आश्वस्त किया गया था।
इसके बाद 24 अप्रेल को संगठन के अजमेर में आयोजित प्रदेश अधिवेशन में खुद शिक्षा मंत्री ने बतौर मुख्यअतिथि पूर्व लोक जुम्बिश कार्मिकों को संबोधित करते हुए सुविधाएं बहाल करने, 7वें वेतन आयोग के साथ ग्रेच्युटी का लाभ भी दिए जाने तथा सेवाएं नियमित किए जाने बाबत मुख्यमंत्री से चर्चा कर कार्रवाई शुरू करने का भरोसा मंच से दिलाया था।
वार्ता में दी गई सहमति तथा मंत्री की घोषणाओं पर 5 माह बीत जाने पर भी एक भी आदेश जारी नहीं किया गया। संगठन ओर से मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर चेतावनी दी गई थी कि आप द्वारा की गई घोषणाओं पर अमल के आदेश 19 सितंबर तक जारी नहीं किए गए तो 20 सितंबर से मंत्री के संत कंवरराम कॉलोनी स्थित निवास के बाहर क्रमिक अनशन प्रारंभ कर दिया जाएगा।
संघ के प्रदेश महामंत्री बनवारी लाल मालव ने बताया कि इसी क्रम में गुरुवार से अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर क्रमिक अनशन शुरू किया गया है। प्रथम दिन अनशन पर कर्मचारी ज्ञानेन्द्र सिंह, राजेश सिंह, राकेश शर्मा, सरोज शर्मा, सुशीला बैठे। अनशन स्थल पर कर्मचारियों को प्रदेश संरक्षक मूलसिंह पंवार समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।