अजमेर/पुष्कर। गुरू और शिष्य का अत्यन्त निकट का सम्पर्क होता है जिसमें भगवान मौन आशीर्वाद देते हैं इससे हमारी परम्परा आगे विकसित होती है, ये आशीर्वचन महामण्डलेश्वर स्वामी गुरशणानन्द महाराज ने स्वामी शांतानन्द व स्वामी हिरदाराम साहिब के जीवन दर्शन पर दो दिवसीय धार्मिक आयोजन के समापन अवसर पर संत सम्मेलन दिए।
उन्होंने कहा कि श्रृद्धालु एकाग्रचित होकर संतों के आशीर्वचनों का श्रवण करें और स्मरण करें साथ ही जीव का कल्याण की कामना करें। हमें दूसरों की उपलब्धि को छीनकर अपना गुणगान नहीं करना चाहिए। अति लोभ खराब है, यह मन को शान्त नहीं रहने देता है। महापुरूषों के वचन सभी के कल्याण के लिए और आप सभी को उन्नत मार्ग के लिए प्रेरित करते हैं।
उज्जैन के स्वामी उमेशानन्द ने कहा कि हमें सीना ठोककर सनातन धर्म के गुणों को बताने में चूक नहीं करनी चाहिए। मानव जीव का कल्याण होना आवश्यक है और आज भी संत समाज का ही बोल बाला है, उनकी वाणी से ही सद्गुण आ रहे हैं।
महामण्डलेश्वर कपिल मुनि महाराज हरेराम आश्रम हरिद्वार ने कहा कि हनुमानरामजी के महंताई समारोह के पश्चात् निरन्तर धार्मिक कार्य व सेवा कार्य हा रहे हैं, ऐसे कार्य में सभी को मिलकर सहयोग देना है। महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने कहा कि देश भर से आए संतों ने आश्रम व इस धरा को पवित्र किया है, स्वामी शांतानन्द व स्वामी हिरदाराम साहिब की इस तपोभूमि पर आकर सभी ने आशीर्वाद दिया है।
भानपुरा पीठ के युवाचार्य ज्ञानानंद ने कहा कि जितना शीतल सत्संग है उतना ही शीतल मन को करना है, ऐसे सद्गुरूओं का आशीर्वाद मिला है तो हमारा सच्च तीर्थ हो गया है। महंत हनुमानराम ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि संतों के आगमन से आश्रम पवित्र हो गया है और यह विराट संगम धार्मिक कुम्भ हो गया है। धर्म सभा का संचालन स्वामी विश्वेशानन्द ने किया था।
आश्रम के महंत राममुनि ने बताया कि रामायणजी का अखण्ड पाठ का सुबह सम्पन्न हुआ। पण्डित राजाराम आचार्य के साथ पण्डित हरिप्रसाद शर्मा, पण्डित नरेश शर्मा, पवन दाधीच और सुरेश पारीक ने अखण्ड श्रीरामायण पाठ किया। इस अवसर पर समारोह में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, अजमेर के उपमहापौर सम्पत सांखला, पार्षद मोहन लालवाणी, समाजसेवी वासुदेव मंघाणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, प्रभू लौंगाणी, दौलतराम पमनाणी, छांगामल, हरि चंदनाणी, प्रेम केवलरामाणी, भवानी थदाणी, नरेन्द्र बसराणी, गोर्वधन मोटवाणी, मनीष प्रकाश, दिशा किशनाणी, नवलराय बच्चाणी, तुलसी सोनी सहित कई संगठनों के सेवाधारी सहित किशनगढ, मालपुरा, बैरागढ, भोपाल, भरतपुर, रायपुर सहित अलग अलग शहरों से श्रद्धालु उपस्थित थे।
महंत हनुमानराम ने बताया कि सत्संग हॉल 40 फुट बाई 80 फुट का बनाया गया है जिसमें महंत शांतानन्द व स्वामी हिरदाराम साहिब के जीवन की स्मरणीय प्रसंगों को 3 डी व फोटो के जरिये प्रस्तुत किया गया है जो आने वाली पीढी के लिए प्रेरणा का केन्द्र बनेगी। दो दिवसीय आयोजन का समापन आम भण्डारे से किया गया। आश्रम के सेवाधारी प्रकाश मूलचंदाणी ने बताया कि स्वामी हिरदाराम साहिब के निर्वाण दिवस पर 21 दिसम्बर को अजमेर स्थित अनाथ आश्रम में फल वितरत किए जाएंगे।
पधारे सन्तों का बूढा पुष्कर तीर्थ पूजन
महासचिव कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि महामण्डलेश्वर स्वामी गुरशरणानन्द महाराज ने धार्मिक समारोह में भाग लेने के साथ बुढा पुष्कर तीर्थ स्थान पर पूजन किया। उन्होंने ऐसे तीर्थ स्थान को बढावा देने के साथ सभी को सहयोग करने की अपील की। महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, महन्त हनुमानराम, गौतम सांई, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी सहित सेवाधारियों ने उनका भव्य स्वागत किया।