जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने राज्य में अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 के पेपर लीक, अनियमितताएं तथा धांधली मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की राज्य सरकार से मांग की है।
डॉ. पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आज यह मांग की। उन्होंने गहलोत को लिखे पत्र में कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में गत वर्ष सितम्बर में सम्पन्न हुई इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी सम्मिलित हुए तथा परीक्षा का आयोजन दो पारियों में सम्पन्न हुआ लेकिन समय से पूर्व रीट का पेपर बाहर आना, डमी अभ्यर्थियों के बैठने से एवं धांधली से प्रदेश के लाखों युवाओं के सपनों के साथ धोखा हुआ। सरकार के द्वारा प्रशासनिक सेवाओं के विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पेपर आउट में संलिप्त मानते हुए निलंबित और उन्हें गिरफ्तार किया।
उन्होंने पत्र में लिखा कि एसओजी ने अपनी जांच में बत्तीलाल मीणा एवं अन्य अभियुक्तों को आरोपी मानकर गिरफ्तार किया, परन्तु पेपर लीक का मास्टरमाइंड भजनलाल करीब चार माह बाद एसओजी के गिरफ्त में आया। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार भजनलाल ने रीट का पेपर पृथ्वीराज को व्हाटसएप के माध्यम से भेजा एवं 40 लाख रूपए में बेचा और बाड़मेर व जालोर में भी रीट का पेपर बेचने की बात सामने आई।
उन्होंने कहा कि एसओजी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद भी अभी तक यह मालूम नहीं कर पाई कि पेपर कहां से आया, कैसे लीक हुआ। रीट पेपर नेटबंदी से पहले भजनलाल के पास कैसे पहुंच गया तथा बत्तीलाल के माध्यम से गंगापुरसिटी में पेपर कैसे उपलब्ध हुआ।
उन्होंने आरोप लगाते हुए पत्र में लिखा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष की निगरानी में पेपर लीक का कांड हुआ, जिनसे आज तक पूछताछ नहीं की गई। रीट परीक्षा के लिए जयपुर का समन्वयक गैर सरकारी व्यक्ति को बनाया गया, जिसे पेपर वितरण का अति गोपनीय कार्य दिया गया।
उन्होंने कहा कि रीट पेपर के मुख्य सरगना भजनलाल ने बत्तीलाल के अलावा पेपर किस-किस को बांटे, किस का संरक्षण प्राप्त है और उसे रीट पेपर किसने उपलब्ध करवाया, आरोपी अन्य किस-किस परीक्षा के पेपर आउट करवा चुका है। इन सभी प्रमुख प्रश्नों के उत्तर जब तक निष्पक्ष, पारदर्शी एजेंसी से जांच नहीं हो जाती तब तक प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं को न्याय नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं के रीट के पेपर लीक व धांधली को लेकर प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन निरंतर जारी हैं तथा विधायकों एवं मंत्रियों को ज्ञापन दिये जा रहे हैं एवं कई युवाओं ने आत्महत्या कर ली। इसी प्रकार राजस्थान की कॉस्टेबल, पटवारी, पुस्तकालयाध्यक्ष, जेईएन, एसआई आदि भर्ती परीक्षाओं को पेपर लीक के कारण रद्द किया गया जबकि रीट परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद भी प्रदेश की जांच एजेंसी सही रूप से जांच नहीं कर पा रही है। क्योंकि पेपर लीक में बडे-बड़े लोग सम्मलित हैं तथा जांच करीब पांच माह से चल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियों पर प्रदेश के युवाओं को भरोसा नहीं है, इसलिए क्यों न एक स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच के लिए प्रदेश से बाहर की एजेंसी को जांच सौंपी जाए। डा पूनियां ने गहलोत से निवेदन किया कि रीट परीक्षा 2021 की स्वतंत्र निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच, पेपर लीक एवं धांधली से संबंधित मामलों की जांच सीबीआई को भेजी जाए।