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निर्विरोध बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित हुए डाॅ. सतीश पूनिया - Sabguru News
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निर्विरोध बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित हुए डाॅ. सतीश पूनिया

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निर्विरोध बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित हुए डाॅ. सतीश पूनिया

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनावों में डा सतीश चंद्र पूनिया निर्विरोध प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित हुए।

पार्टी के मुख्यालय में शुक्रवार को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक केन्द्रीय राज्यमंत्री नित्यानन्द राय, बैजयंत पाण्डा ने प्रदेशाध्यक्ष के पद पर डाॅ. सतीश पूनियां के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की साथ ही राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के नामों की भी घोषणा की।

सुबह से ही पूरे राज्य से हजारों कार्यकर्ता भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां को बधाई देने के लिए पहुंचे। पार्टी के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री वी. सतीश, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) चन्द्रशेखर, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, डाॅ. अरूण चतुर्वेदी ने नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां को बधाई दी।

इस मौके पर डा पूनियां ने कहा कि कार्यकर्ताओं का आशीर्वाद हमारी ताकत है। हम सब मिलकर एक अच्छी अनुशासित और संगठनात्मक टीम तैयार करेंगे। इस जिम्मेवारी को, इस चुनौती को मैं स्वीकार करता हूँ। उन्होंने कार्यकर्ताओं को हिदायत देते हुए कहा कि पार्टी के अनुशासन, संस्कार एवं मर्यादा का मेरे सहित चाहे वो बड़ा हो या छोटा हो, जो भी उल्लंघन करेगा उनको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्योंकि हम समाज को बदलने और राजनीति को बदलने के नारे लगाते हैं। इससे पहले हम भाजपा के विचार, संस्कार एवं मर्यादा के अनुरूप आचरण करें।

खुद पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई टिप्पणी के प्रत्युत्तर में डा पूनिया ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अपने बेटे को राजनीति में स्थापित नहीं कर पाए, इससे उनकी मानसिक स्थिति एवं उम्र का असर दिखाई पड़ता है। एक किसान के बेटे को राजनीति में बढ़ता हुआ देख उनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत की जब गुड माॅर्निंग होती है, तो वह संघ और मोदी को कोसना शुरू कर देते हैं और गुड नाईट होने पर भी वे यही करते हैं। ऐसा करने से सोनिया गांधी और राहुल गांधी राजी होते है, इसलिए वो ऐसा ही करते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में विकास के नाम पर एक वर्ष में एक ईंट नहीं लगी, विकास को ग्रहण लगा हुआ है। राजस्थान में इतनी अराजकता कभी नहीं देखी गई। गहलोत पूरे तरह से विफल मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। इसलिए मुख्यमंत्री मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जनता में भ्रम पैदा करने का काम कर रहे हैं। राजस्थान में पहली बार हुआ कि किसी जायज मुद्दे पर, संवैधानिक मुद्दे पर, मुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधित विधेयक पर अशांति फैलाने वाला पैदल मार्च किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नित्यानंद राय ने नागरिकता संशोधित विधेयक पर बोलते हुए कहा कि इससे कांग्रेस का क्या नुकसान हो रहा है, वह बताए? शरणार्थियों के बच्चों की देखभाल, उनकी पढ़ाई-लिखाई, उनका रोजगार आदि यह सब विधेयक के लागू होने से उनकाे मिलेगा। इससे कांग्रेस का क्या नुकसान हो रहा है।