जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा दफ्तर में ट्रक में भरकर पैसा पहुंचने के बयान को अमर्यादित करार देते हुए कहा है कि पैरामिलिट्री फोर्सेज के बारे में इस तरीके की बयानबाजी मुख्यमंत्री पद की गरिमा को शोभा नहीं देता।
पूनियां ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गहलोत इन दिनों कुर्सी की असुरक्षा, कांग्रेस में अंतर्कलह और देश में कांग्रेस के सिमटते जनाधार से विचलित ज्यादा हैं और इतने विचलित है कि वह मर्यादा एवं सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार को भूल गए और राष्ट्रीय राजनीतिक दल के ऊपर ओछी टिप्पणी की है लेकिन पैरामिलिट्री फोर्सेज के बारे में इस तरीके की बयानबाजी, यह किसी भी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता।
आप का दल अलग है वह हो सकता है, सरकार अलग हो सकती है, विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन भाजपा एवं उसके दफ्तर को इस तरीके से झूठे तथ्यों से आरोपित करना, उस पर पैरामिलिट्री फोर्स को लेकर अमर्यादित बयान देना, सेना हमारा स्वाभिमान और ताकत है, जिसके खिलाफ बयान देना मुख्यमंत्री पद की गरिमा को शोभा नहीं देता।
उन्होंने अलवर जिले के गोविंदगढ़ में मॉब लिंचिंग मामले को लेकर कहा कि कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष से अधिक के शासनकाल में सबसे पहला यक्ष प्रश्न है यह है कि श्री गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके गृहमंत्री कालखंड में जिस तरीके से अपराध बढ़े हैं और अपराधियों का हौसला बढ़ा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है और चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि
प्रदेश में खासतौर पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं और तुष्टीकरण के कारण जो लगातार अपराधियों को प्रश्रय मिला है, पुलिस की शिथिलता, प्रशासनिक कमजोरी यह सब उसके कारक हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की कानून व्यवस्था को जो नजर लगी है, गहलोत के सियासी बयान उसको ठीक नहीं कर पाएंगे, मुख्यमंत्री को गंभीरता के साथ कानून व्यवस्था दुरूस्त करने की सख्त जरूरत है, जो वो नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी मॉब लिंचिंग की अलवर, झालावाड़ और जयपुर सहित कई जिलों में घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें लगातार बहुसंख्यक हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन गहलोत तुष्टीकरण की राजनीति के कारण हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
जालोर की घटना पर डॉ. पूनियां ने इस तरीके की घटनाओं के बारे में समाज, प्रशासन और सरकार को सोचने की जरुरत बताते हुए कहा कि कानून का भय खत्म हो जाने, सरकार, पुलिस एवं प्रशासन का इकबाल खत्म हो जाने पर इस तरह की घटनाएं होती हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।