एक तरफ देश मंदी के दौर से गुजर रहा है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के संकेत मिल रहे है। सऊदी अरब में तेल प्लांट पर हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग भारत की परेशानी ओर बढ़ा सकती है। सोमवार को वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत में 19 फीसदी तक तेजी आई। साल 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिला है।
ऐसा विशेषज्ञों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उछाल आने के कारण भारत की तेल मार्केटिंग कंपनियां अगामी पखवाड़े में डीजल और पेट्रोल के दाम में 5-6 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर सकती हैं। ऐसे में सरकार के सामने एक ओर चुनौती आ सकती है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में अरामको के तेल संयंत्र पर शनिवार को हुए ड्रोन हमले से सोमवार को वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई। लंदन का ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 19.5 फीसदी बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, जो 14 जून 1991 के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सबसे बड़ा उछाल है।