सच में महादेव हो तुम
ॐनमःशिवाय पंचाक्षरी मंत्र है।
जपे जो शान्ति पावे।
महामृत्युंजय मंत्र जाप से
अकाल मृत्यु कट जावे।
कालों के महाकाल हो।
सच में महादेव हो तुम ।
करते दया तुम सब पर
भोले हो ओघड दानी।
जटो विच गंगा बहाते।
भोले भस्मी को अंग रमाते
तुम देवों के देव कहाते।
सच में महादेव हो तुम।
देखी जो तुम्हारी सूरत।
सती के मन को मोहा।
दिल से तुम्ही को ध्याया।
सती तज कर दक्ष गृह को।
अर्धांगनी आशुतोष कहाती।
सच मे महादेव हो तुम ।
जब दक्ष ने यज्ञ रचाया।
भोले को नहीं बुलाया।
सती के हृदय क्रोध नसमाया।
यज्ञ में कूद गयीं सती जब
आप ने तांडव कर डाला।
सच मे महादेव हो तुम ।
समुद्र मंथन करवाया।
चौदह रत्न दिये सागर ने।
सागर मे विष कर डाला
उसे भोले ने पी डाला।
तेरी महिमा कही न जावे
सच में महादेव हो तुम ।
गणपति कार्तिकेय के पप्पा।
नंदी की करो सवारी।
तुम हो त्रिशूल धारी
तुम गोरा के सजन कहावे।
दुनिया जय कारा लगावे।
सच मे महादेव हो तुम ।