Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
राजगढ़ : भैरव धाम पर सावन के रविवार कोे उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer राजगढ़ : भैरव धाम पर सावन के रविवार कोे उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

राजगढ़ : भैरव धाम पर सावन के रविवार कोे उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

0
राजगढ़ : भैरव धाम पर सावन के रविवार कोे उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब


अजमेर।
भैरव धाम राजगढ़ पर सावन मास के रविवार को श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने सुबह जल्दी ही बाबा भैरव, मां कालिका एवं मनोकामनापूर्ण स्थम्भ की पूजा अर्चना की तथा प्रदेशभर से आए सभी श्रद्धालुओं को मन्दिर परिसर में प्रवेश दिया गया। भैरव धाम पर सुबह से ही मेले जेसा माहौल रहा।

धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि सावन मास के चलते कावड़ियों ने भी धाम पर पहुंच कर बाबा भैरव, मां कालिका के दर्शन कर मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की।

चम्पालाल महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं से कहा कि वर्तमान में गौवंश लिंपी रोग के कहर से पीड़ित होकर दम तोड़ रहा है। हम सभी धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं को आगे आकर गौवंश का उपचार करवा कर उनकी सेवा करनी चाहिए। गायों को जितना जल्दी हो सके चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए अग्रसर रहना चाहिए और हम सभी को गौशालाओं विशेषकर पशुपालकों की जितनी सहायता कर सकें करनी चाहिए।

महाराज ने कहा कि भगवान तो देता है लेता कुछ भी नहीं, भगवान से बड़ा कोई नहीं होता। भैरव धाम राजगढ़ की अन्यत्र कोई कोई शाखा नहीं है। महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं को रक्तदान करने के लिए भी प्रेरित किया और कहा कि आज हर इंसान धन को दान करने की होड़ में लगा रहता है।

रविवार को आए हुए देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं नेे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व कन्या भूण हत्या रोकने का महाराज की प्रेरणा से संकल्प लेते हुए ‘कन्या भ्रूण हत्या महापाप है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे कई नारों से पूरे राजगढ़ गाँव को गुंजायमान कर दिया।

राजगढ़ धाम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां किसी भी प्रकार का दान, चन्दा, चढावा, पूजा सामग्री, गुप्तदान स्वीकार नहीं किया जाता। धाम पर प्रदेशभर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने नशामुक्ती का संकल्प लिया जिसमें बीड़़ी, सिगरेट, गुटका, शराब, चोरी, अपराध आदि को बाबा के चरणों में छोडा। श्रद्धालुओं ने ज्योति के दर्शन किए व मत्था टेककर एवं मनोकामना पूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा लगाकर सुख समृद्धि की कामना की।