नयी दिल्ली | उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिजनों के उस पत्र का संज्ञान लिया जिसमें अभियुक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके गुर्गों की ओर से धमकाने के आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत से मदद की गुहार लगायी गयी थी।
इस बीच केन्द्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई ) ने मंगलवार को बलात्कार पीड़िता और उसके परिजनों की रविवार को रायबरेली के निकट हुई ट्रक दुर्घटना से जुड़ी जांच अपने हाथ में ले ली। इस हादसे में बलात्कार पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये और उसकी चाची और मौसी की मौत हो गयी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि वह गुरुवार को देखेंगे कि बलात्कार पीड़िता का लिखा गया पत्र जो उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री को 17 जुलाई को प्राप्त हुआ, उनके समक्ष पेश क्यों नहीं किया गया। पीठ ने कहा, “हम इस मामले में कल सुनवाई करेंगे।” ऐसी उम्मीद है कि मुख्य न्यायाधीश उनके समक्ष पत्र पेश करने में देरी काे लेकर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री की रिपोर्ट का भी अवलोकन करें।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय इस गंभीर और नाजुक मामले में कुछ रचनात्मक करने का प्रयास करेगा। गौरतलब है कि ऐसी खबरें प्रकाशित-प्रसारित हुई हैं कि बलात्कार पीड़िता के परिजनों की ओर से लिखा गया पत्र 17 जुलाई को मिल जाने के बावजूद उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री ने इस मामले में कुछ नहीं किया।