अजमेर। आर्थिक रूप से कमजोर और पिछडे वर्ग के बच्चों के लिए सिंघल फाउंडेशन सरकारी स्कूलों में पढने वाले होनहार बच्चों को निःशुल्क बेहतरीन शिक्षा मुहैया करवाने के उद्देश्य से स्कॉलरशिप कार्यक्रम पिछले तीन सालों से चला रहा है।
इसके तहत शनिवार को स्कॉलरशिप की योग्यता के लिए स्कॉलरशिप परीक्षा का आयोजन अजमेर स्थित संस्कृति द स्कूल में किया गया। इसमें शहर के विभिन्न स्कूलों के लगभग 553 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
संस्कृति द स्कूल के चेयरमेन सीताराम गोयल ने सिंघल फाउंडेशन के निदेशक विक्रम आहुजा का स्वागत किया व उनके द्वारा किए जा रहे प्रयत्न के लिए साधुवाद दिया।
सिंघल फाउंडेशन के संस्थापक एवं गूगल के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. अमित सिंघल ने बताया कि फाउंडेशन का लक्ष्य सरकारी स्कूलों की कक्षा छठी के चयनित विद्यार्थियों को बेहतरीन स्कूलों में शिक्षा देकर समर्थ बनाना है ताकि वे दूसरे बच्चों के समकक्ष बन सके।
जिन स्कूलों में इन बच्चों का नामांकन होगा वे इनके बेहतर शैक्षणिक और चहुंमुखी विकास के लिए इन्हें उपयुक्त और शैक्षणिक-सह शैक्षणिक गतिविधियों में सहभागी बनाएंगे। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन की ओर से शिक्षा के माध्यम से भारत को कुशाग्र और समर्थ बनाना है। इसके लिए होप परियोजना बनाई गई है। होप परियोजना का लक्ष्य भारत के प्रतिभाशाली युवाओं को सशक्त बनाना है।
फाउंडेशन के निदेशक विक्रम आहूजा ने बताया कि सिंघल फाउंडेशन एक चेरिटेबल संस्था है। कक्षा छठी में प्रवेश के लिए 11 साल से 13 साल के बीच की उम्र के छात्र सरकारी स्कूल में अध्ययनरत तथा बीपीएल कार्ड धारक अन्य स्कूलों के विद्यार्थियों ने चयन के लिए गणित, विज्ञान और अंग्रेजी की परीक्षा दी। यह प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी में मुहैया करवाया गया।
उन्होंने बताया कि त्रि-स्तरीय परीक्षा के पश्चात अन्ततः चयनित विद्यार्थियों का संस्कृति द स्कूल में निःशुल्क प्रवेश मान्य होगा। संस्कृति द स्कूल के प्रिसिंपल ले. कर्नल एके त्यागी ने सिंघल फाउंडेशन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे समाज के उत्थान के लिए नेक काम में भागीदारी निभा रहे हैं।