चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा नीति की तर्ज पर प्रदेश में नई राज्य सडक़ सुरक्षा नीति बनाई गई तथा दुर्घटनाओं के मद्देनजर स्कूली बच्चों के सुरक्षित आवागमन के लिये स्कूल वाहन नीति बनाई है।
स्कूल बसों पर सडक़ दुर्घटना हेल्पलाइन नम्बर 1073 और बाल हेल्पलाइन नम्बर 1098 लिखना अनिवार्य किया गया है। वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष के रूप में 31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।यह जानकारी परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने आज यहां पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि यातायात को नियंत्रित करने के लिए 1577 पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 23 यातायात पुलिस थानों को एम्बुलेंस, इंटरसेप्टर क्रेन, पुलिस जिप्सी, मोटर साइकिल, एल्को सेंसर, कैमरे आदि मुहैया करवाए गए हैं। दुर्घटना पीडि़तों की सहायता के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर 45 यातायात सहायता बूथ स्थापित किए गए हैं। आपातकालीन देखभाल के लिए राज्य में 7 ट्रॉमा केयर सेन्टर कार्यरत हैं। भविष्य में 13 और ट्रॉमा केयर सेन्टर स्थापित करने का प्रस्ताव है।
पवार ने बताया कि राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद् तथा जिला सडक़ सुरक्षा समितियों का पुनर्गठन किया गया है। हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष नियम, 2018 के तहत हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष बनाया गया है। इसके अंतर्गत प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कम्पाउंडिंग फीस के रूप में एकत्र की गई 50 प्रतिशत राशि का उपयोग सडक़ सुरक्षा कार्यों के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा लोगों को सडक़ सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यपुस्तकों में सडक़ सुरक्षा शिक्षा से संबंधित सामग्री शामिल की गई है। उनके अनुसार नागरिकों को प्रशिक्षण देने के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा, पंचकूला, करनाल और कैथल में छह यातायात पार्क स्थापित किए गए हैं। प्रति वर्ष राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जाता है। वर्ष 2018-19 के लिए सरकार द्वारा हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष के रूप में 31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सडक़ सुरक्षा बढ़ाने और चालक प्रशिक्षण के लिए बहादुरगढ़, रोहतक और कैथल में तीन चालक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए हैं। इन संस्थानों द्वारा वर्ष 2016-17 में 52,564 तथा वर्ष 2017-18 में 72,568 चालकों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि सरकार ने मुख्य बस अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू किया है जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ा कदम है। इसके अलावा, 41 बस-अड्डों पर ऑडियो-वीडियो कम्प्यूटरीकृत यात्री सूचना प्रणाली शुरू की गई है। पायलट आधार पर 400 बसों में जीपीएस आधारित व्हीकल-ट्रैकिंग सिस्टम शुरू किया गया है।
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान इसे हरियाणा रोडवेज की सभी बसों में लगाने का प्रस्ताव है। शुरुआती चरण में गुडग़ांव, रेवाड़ी व दिल्ली डिपुओं की बसों में जी.पी.एस. आधारित व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि बस चलाते समय यदि कोई ड्राइवर मोबाइल पर बात करता हुआ मिलता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पवार ने बताया कि परिवहन विभाग के चालकों व परिचालकों को यात्रियों के साथ शिष्टाचार से पेश आने तथा अच्छा व्यवहार करने के लिए छह महीने का प्रशिक्षण दिलवाने का निर्णय लिया है। यह प्रशिक्षण भारतीय तेल निगम, पानीपत के सहयोग से पानीपत रिफाइनरी परिसर, बौहली में करवाया जाएगा।आरंभ में 5,000 चालक व 5,000 परिचालक को प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह टर्न के आधार पर डिपोवार होगा।
परिवहन मंत्री ने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान 650 नई बसें परिवहन बेड़े में शामिल की जाएंगी । इन बसों में 150 मिनी बसें, 150 वातानुकुलित बसें व 350 साधारण बसें शामिल हैं। इसके अलावा 30 नई वोल्वो बसें भी विभाग द्वारा खरीदी जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा आम जनता को पर्याप्त तथा किफायती परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये स्टेज कैरिज स्कीम, 2016 के तहत 902 निजी संचालकों को 273 मार्गों पर परिचालन हेतु मंजिली परमिट प्रदान किए गए हैं।
पंवार ने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के उच्चतर शिक्षण संस्थान तक छात्राओं के लिए नि:शुल्क बस सुविधा उपलब्ध करवाई है।छात्राओं के लिए मुफ्त बस पास की सीमा 60 किलोमीटर से बढ़ाकर 150 किलोमीटर की गई है। छात्राओं के लिए 150 मार्गों पर विषेश बस सेवा शुरू की गई है ।