Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Sdm Mount abu blames municipal chairperson stops inspection of sites - Sabguru News
होम Rajasthan Jaipur आम जनता तंग, माउंट आबू नगर पालिका और एसडीएम कार्यालय में जारी है जंग

आम जनता तंग, माउंट आबू नगर पालिका और एसडीएम कार्यालय में जारी है जंग

0
आम जनता तंग, माउंट आबू नगर पालिका और एसडीएम कार्यालय में जारी है जंग
आपसी खींचतान में माउंट आबू में परेशान आमजन
आपसी खींचतान में माउंट आबू में परेशान आमजन
आपसी खींचतान में माउंट आबू में परेशान आमजन

सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउंट आबू की आम जनता अपनी मूल समस्याओं को लेकर 35 साल से तंग है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के बाद जोनल मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज जारी होने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है।

माउंट आबू में व्यवस्था को सम्भालने वाली दो प्रमुख एजेंसी नगर परिषद और उपखंड अधिकारी कार्यालय में जंग थमने का नाम नहीं ले रही। पिछले 28 दिनों में माउंट आबू नगर परिषद बोर्ड के गॉड फादर रतन देवासी के अप्रत्यक्ष हमले के जवाब में गुरुवार को माउंट आबू उपखंड अधिकारी गौरव सैनी ने भी जवाबी हमला किया। इसकी शुरुआत नगर पालिका में किये औचक निरीक्षण के साथ हुई।

माउंट आबू उपखंड अधिकारी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उन्होंने नगर पालिका में औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने ये पाया कि यहां से नगर परिषद में भेजी गई करीब 80-90 पत्रावलियाँ नगर परिषद में अटकी हुई हैं। वहां पर करीब डेढ़ महीने से उनको आगे नहीं बढ़ाया गया है।

उन्होंने बताया कि जनता में इस तरह की भ्रांति फैलाई जा रही है कि रिपेयर रिनोवेशन की पत्रवलियाँ एसडीएम कार्यालय स्तर पर रोकी हुई हैं लेकिन, निरीक्षण के दौरान जनकारी लेने पर ये सामने आया कि पत्रवलियाँ तकमिने के लिए एईएन स्तर पर ही अटकी हुई हैं। उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें चेयरमेन ने साइट पर जाने से मना किया है।

उन्होंने कहा कि ये गलत है, कोई चेयरमेन एक्सीक्यूटिव काम में बाधा नहीं डाल सकता। उन्होंने कहा कि पत्रवलियाँ वहां रोकी जाती है और कह दिया जाता है कि उनके कार्यालय में रोकी जा रही हैं। कोई अधिकारी तो इस तरह से नहीं बोल सकता। अधिकारी अधिकारी की तरह बात करेगा और बाकी लोगों को तो कुछ भी बोलने की स्वतंत्रता है।
नए निर्माण की अनुमति नहीं मिल पाने के सवाल पर माउंट आबू एसडीएम ने कहा कि माउंट आबू में नियमों को देखते हुए काम करना होगा। अन्यथा यहां के लोगों में से ही कुछ लोग ऊपर जाएंगे, कोर्ट जाएंगे या पुलिस में जाएंगे। सरकारी कार्यालयों को बनाने की स्वीकृति मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये स्वीकृतियां उनके पहले मिली हुई हैं।

उन्होंने कहा कि उनके वक्त ( कार्यवाहक आयुक्त रहते हुए) भी दो तीन कमियां थी, एटीपी नहीं था, जोन डिसाइड होने थे। ये दो तीन कमियां पूरी होते ही अनुमति जारी करना शुरू कर देंगे।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार तो है। कोई ये कह रहा है कि उपखंड अधिकारी कार्यालय में है तो वो बता दें कि कहां है। किसी अनुमति के लिए उन्होंने या उनके मातहत कार्मिक ने कोई भ्रष्टाचार किया है तो वे बताएं वे मान लेंगे।

उन्होंने सन्स्थान या व्यक्ति का नाम लिये बिना दावा किया कि वो प्रूव करके दिखा देंगे कि वहां भी भ्रष्टाचार है और इसे कुछ दिनों में प्रूव कर भी देंगे। भ्रष्टाचार के आरोप पर उन्होने कहा कि उनके साथ ही नहीं हुआ है उनसे पहले उपखंड अधिकारियों के साथ भी ऐसा हो चुका है। ऐसे आरोप लगते हैं तो ये इस बात का साइन है कि आप सही जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि माउंट आबू में निर्माण, रिपेयर और रिनोवेशन की समस्या के साथ सड़कें और पार्कों के सुदृढ़ीकरण की समस्या भी हैं इन पर नियमो के दायरे में काम करना है। कोई अधिकारी भी नियमो की अवहेलना नहीं कर सकता है।
-देवासी लगा चुके हैं अपारदर्शिता का आरोप
माउंट आबू नगर पालिका और उपखंड अधिकारी कार्यालय के बीच खींचतान अभी की नहीं हैं। इसकी शुरुआत कांग्रेस के वर्तमान बोर्ड में उपखंड अधिकारी कार्यालय के समक्ष पार्षदों के धरने से सार्वजनिक हो चुकी थी। इसके वहाँ कांग्रेस के बोर्ड के खेवनहार रतन देवासी ने इसी महीने दो पत्रकार वार्ताएं आयोजित करके बिना नाम लिए अप्रत्यक्ष रूप से इस बात का आरोप लगाया कि माउंट आबू में मरम्मत और रिनोवेशन की अनुमति देने में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि कद देखकर अनुमतियाँ दी जा रही हैं। इस पत्रकार वार्ता में उन्होंने किसी सन्स्थान और व्यक्ति का नाम तो नहीं लिया था, लेकिन माउंट आबू में मरम्मत और निर्माण कार्य के लिए मटेरियल लाने की अनुमति उपखंड अधिकारी कार्यालय से मिलती है ऐसे में ये आरोप सीधे सीधे उपखंड अधिकारी कार्यालय पर ही लगता है।

अब जब उपखंड अधिकारी ने अपनी पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया है कि उनके यहां से भेजी गई 90 फाइल्स के निरीक्षण करने के लिए चेयरमैन ने एईएन को रोका है तो ऐसे में बोर्ड की साख खतरे में आ गई है। वैसे हाल ही में सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी महिला पार्षद के वीडियो में  महिलाओं से नहीं मिलने के मामले के आरोप अब भी अनुत्तरित है। उपखंड अधिकारी कार्यालय और कांग्रेस बोर्ड की जंग में परेशानी माउंट आबू वासी उठा रहे हैं।