एटा। चीन के बुहान शहर से लौटी कोरोना संदिग्ध उत्तर प्रदेश में एटा जिला प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। गुरूवार को दो बार अस्पताल प्रशासन और पुलिस को चकमा देकर आइसोलेशन वार्ड से खिसकने वाली महिला का अब तक कोई पता नहीं चल सका है जिससे जिले में भय का माहौल है।
अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि चीन के बुहान से पिछले महीने लौटे दंपती को दिल्ली के आईटीबीपी अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड मेे रखा गया था जहां से क्लीन चिट मिलने के बाद दोनो अपने गृहनगर एटा के जलेसर आ गए थे। महिला ने बुधवार को खांसी जुकाम की शिकायत की जिसके बाद उसे गुरूवार को एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अजय अग्रवाल ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया था।
उन्होंने बताया कि दोपहर बाद महिला के अचानक बिना किसी को बताए आइसोलेशन से गायब हो गई। सीएमओ ने इस संबंध में पुलिस काे इत्तिला दी। पुलिस जिला अस्पताल से करीब 40 किमी दूर जलेसर स्थित दंपती के घर पहुंची और एंबुलेंस के जरिये महिला को फिर से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया।
सूत्रों ने बताया कि देर शाम महिला एक बार फिर अस्पताल कर्मियों को चकमा देकर भाग निकली। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी सूचना पुलिस प्रशासन और एटा के जिला अधिकारी सुखलाल भारती को दी है जिसके बाद पुलिस और अस्पताल प्रशासन महिला की तलाश में रात भर खाक छानता रहा।
उन्होने बताया कि महिला के नमूने को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजा गया है। नियमानुसार और डॉक्टरों की राय से 14 दिनों तक महिला को आइसोलेशन वार्ड में रहना था।
सूत्रों ने बताया कि जलेसर कस्बे के रहने वाले डा आशीष यादव और पत्नी नेहा यादव 14 जनवरी को दिल्ली के आईटीबीपी हॉस्पिटल में 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने के बाद एटा आये थे। डॉ यादव चीन के बुहान शहर में टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर है और नेहा यादव वहां से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर रही हैं।
जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधिकारियो ने आइसोलेशन वार्ड में दो पुलिस कांस्टेबल तैनात करने की मांग की है जिससे आगे से आइसोलेशन वार्ड में आने वाले कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा सके।