श्रीनगर । कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल के दो आतंकवादियों के मारे जाने के बाद अलगाववादियों की हड़ताल को देखते हुए प्रशासन ने एहतियान शुक्रवार को पुराने कश्मीर में कर्फ्यू जैैसे प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
हड़ताल को रोकने के लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ( एचसी ) के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक का गढ़ कही जाने वाली ऐतिहासिक जामा मस्जिद के सभी दरवाजों को सुबह से ही बंद रखा गया है। पुलिस ने कहा इलाके में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नौहट्टा पुलिस स्टेशन के अर्न्तगत आने वाले एम आर गंज, खानियर, सफाकादल और रेनावारी में एहतियातन सुबह से ही धारा 144 लागू लगा दी गई है।
सुरक्षाबलों ने मुख्य और अन्य सड़कों को कांटेदार तार से बंद कर दिया है और लोगों को घरों के भीतर ही रहने के निर्देश दिए हैं। सड़क के दोनों तरफ रहने वाले लोगों का आरोप है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा रखी है। यहां तक स्थानीय ब्रेड बनाने वालों की दुकानें भी बंद रखी गई है। बाहर से आकर दूध और सब्जियां बेचने वालों को भी प्रतिबंधित इलाकों में जाने से रोक दिया गया हैं।
हालांकि एस के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ( एसकेआईएमएस ) सौरा से सफाकदल ईदगाह की तरफ जाने वाली सड़क को मरीजों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों समेत एंबुलेंस के जाने के लिए खोला गया है। लोगों के इबादत स्थल पर जाने से रोकने के लिए जामा मस्जिद के सभी दरवाजों को बंद रखा गया है और भारी संख्या में राज्य पुलिस और सुरक्षबलों की तैनाती की गई हैं। प्रशासन ने शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शन को रोकने के लिए एहतियातन यह कदम उठाया हैं।
पीएचडी की पढ़ाई छोड़कर आतंकवाद की राह पर चलने वाले युवक मन्नान वानी और उसके एक साथी के कुपवाड़ा के हंदवारा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने बंद का आह्वान किया था।