अयोध्या। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद की धर्मसभा और शिवसेना के सम्मान समारोह के मद्देनजर विवादित श्रीराम जन्मभूमि की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है तथा सुरक्षा व्यवस्था में 70 हजार जवान तैनात किए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों की कड़ाई से पालना के लिए राजधानी लखनऊ में गत रात उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाकर विवादित राम जन्मभूमि परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया।
राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश की पालना के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए आतंकवादी निरोधक दस्ता, अतिरिक्त पुलिस बल, अर्ध सैन्य बल के करीब 70000 जवानाें को तैनात किया है। इसके अलावा भीड़ पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी रामजन्मभूमि परिसर में कोई आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन ने पहले से अयोध्या में धारा 144 लगा रखी है और किसी भी कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिये कानून बनाने की मांग को लेकर 25 नवम्बर को चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के बगल बड़ा भक्तमाल के बगिया में विशाल धर्मसभा का आयोजन किया है जिसमें लाखों संत-धर्माचार्य एवं रामभक्त अयोध्या में आने की घोषणा की गई है।
दूसरी तरफ शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे कल 24 नवम्बर को सरयू के किनारे लक्ष्मण किला मंदिर में आयोजित सम्मान समारोह एवं आशीर्वादोत्सव की घोषणा की है अौर इनका भी मकसद विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का है। जिसमें महाराष्ट्र से ही लगभग पाँच हजार शिवसैनिकों के आने की उम्मीद जताई गई है।