अयोध्या। उत्तर प्रदेश में भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच अगस्त को भूमि पूजन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
अधिकृत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच अगस्त को नरेन्द्र मोदी के अयोध्या आगमन और राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम को देखते हुए पूरे जिले को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है।
इतना ही नहीं भूमि पूजन वाले दिन एक साथ पांच लोग इकट्ठा नहीं होंगे और एक दिन पहले ही अयोध्या की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। यानी जितने भी आमंत्रित मेहमान होंगे वह चार अगस्त अयोध्या पहुंच जायेंगे।
शनिवार को मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी सहित अन्य कई अधिकारियों ने अयोध्या का दौरा कर श्रीरामजन्मभूमि सहित पूरी अयोध्या की सुरक्षा का जायजा लेकर अधिकारियों को उस पर अमल करने का निर्देश जारी किया, जिसके तहत प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कई प्रोटोकॉल का पालन किया जाना है।
सूत्रों ने बताया कि सबसे पहला प्रोटोकॉल कोरोना वायरस को लेकर है, जिस पर प्रशासन का पूरा फोकस है। डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर तमाम सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठकें हुई हैं। पूरी तैयारी है, सुरक्षा के सभी मानक पूरे किए जा रहे हैं। कोविड प्रोटोकाल के तहत अयोध्या में पांच अगस्त को एक साथ एक जगह पांच लोगों से ज्यादा दिखने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जितने भी वीआईपी आयेंगे या जितने भी भूमि पूजन के लिए आमंत्रित मेहमान होंगे उन सभी की सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। सुरक्षा को लेकर पूरी तरीके से सतर्क हैं। उन्होंने बताया कि भूमि पूजन के मुख्य कार्यक्रम की पूर्व संध्या से ही अयोध्या और फैजाबाद शहर की सभी सीमाए सील कर दी जाएंगी। किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कामता प्रसाद सुंदर लाल साकेत महाविद्यालय से पांच अगस्त को निकलकर प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर का दर्शन करने के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में शामिल होंगे।
इसके लिए चारों तरफ बैरीकेडिंग लगा करके सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पूरी अयोध्या सुरक्षा व्यवस्था में जकड़ी हुई है। पग-पग पर पुलिस या सुरक्षा कर्मचारी नजर आ रहे हैं। अयोध्या को अभेद किले में तब्दील करके भूमि पूजन के एक दिन पहले सभी सीमाएं सील कर दी जाएंगी।