जयपुर। केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर देशभर मे आंदोलनरत किसान संगठनों का असर रविवार को राजस्थान हरियाणा सीमा पर भी दिखा।
महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व मे आंदोलनरत किसान हरियाणा सीमा पर ही डेरा डाले हुए हैं। आंदोलन की गति को बढाने पहुंचे राजनीति विशेषज्ञ एवं किसान संगठन समर्थित स्वराज इण्डिया प्रमुख योगेन्द्र यादव के साथ देशभर के विभिन्न किसान संगठन के पदाधिकारियों ने हरियाणा सीमा पर पहुंचते ही पुलिस प्रशासन ने हाइवे के दोनो और बैरिकट लगा हाइवे जाम कर दिया। वहीं जाम मे अटके वाहनों को डायवर्ट कर निकाला गया।
दिल्ली कूच की योजना के साथ देशभर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने दिल्ली के दक्षिण भाग राजस्थान-हरियाणा सीमा से होकर जाते समय बॉर्डर पर रोक दिए जाने के पश्चात किसान संगठनों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर कृषि बिलों को किसान विरोधी करार देते हुए अडाणी एवं अंबानी के इसारों पर बनाया गया कानून बताया।
योगन्द्र यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए किसान विरोधी कृषि बिलों को बनाने वाली केन्द्र सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार थोडा ऊंचा सुनती है। दिल्ली में बैठी गूंगी,बहरी सरकार के कानों तक किसानो के दिलों की आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली पहुंचने से भाजपा की सरकारें किसानो को रोकने का काम कर रही हैं। जिस पर किसान अहिंसात्मक आंदोलन कर सरकार को चेताने का प्रयास कर रहे हैं।
महाराष्ट्र से आए पूर्व सांसद राजू सेठी ने कृषि बिलों के पारित करने से पूर्व मंत्रालय की मंजूरी के साथ आमजन की राय लिए बिना ही पारित कर दिया जाना गैर संवैधानिक करार दिया। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने समर्थन मूल्य पर खरीद की गारन्टी कानून बनाने की आवश्यकता बताई। मेधा पाटेकर ने किसान विरोधी सरकार बताते हुए काले कानून को रद्द करने की आवश्यकता बताई।
पूर्व विधायक कामरेड अमराराम चौधरी ने किसानों का अहित करने वाली सरकार को उद्योगपतियों की सरकार करार दिया। हरियाणा पुलिस की ओर से बॉर्डर पर जैम्बर लगा नेटवर्क पर अंकुश लगाया गया। बडी संख्या मे पहुंचे मीडियाकर्मियों सहित जनप्रतिनिधियों को नेटवर्क चालू नहीें होने से बडी समस्या का सामना करना पडा।