हिसार । हरियाणा में सरकारी विभागों में ग्रुप सी व डी कर्मचारियों की भर्ती का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंपने के प्रदेश सरकार के फैसले को अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएल सहगल ने बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करार दिया है।
आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि साथ ही यह मुख्यमंत्री के 38 हजार ग्रुप डी कर्मचारियों की भर्ती की घोषणाओं को लेकर भी यू टर्न है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को अभी भंग नहीं किया गया है फिर भी थोक भाव में 19 निजी कंपनियों को केवल शिक्षा विभाग के शिक्षकों व लिपिक पदों की भर्ती हेतु ठेका कार्य सौंप दिया गया है जिनको लेकर विज्ञापन भी आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदार कंपनियों को 2.01 प्रतिशत कमीशन देना प्रस्तावित है जो अंतत: कर्मचारियों की वेतन कटौती ही होगी।
सहगल ने कहा कि ‘समान काम समान वेतन‘ अभी तक लागू नहीं किया गया है। अब इसी कड़ी में सरकार नियमित वेतन ना देकर एकमुश्त पैकेज प्रणाली के तहत कर्मचारियों का शोषण करने का काम हरियाणा सरकार कर रही है।
सहगल ने कहा कि इस मुद्दे पर इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला के उच्च न्यायालय में जाने का प्रस्ताव भी कर्मचारी हितैषी नहीं है। इसका एकमात्र समाधान व्यापक संयुक्त कर्मचारी संघर्ष ही है, जिसमें विपक्षी दल भी सहयोग कर सकते हैं।