जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रविवार को धौलपुर में विधायकों के पैसे लेने के लगाए आरोपों को बेबुनियाद एवं झूठे बताते हुए इन्हें नकार दिया और कहा है कि मुख्यमंत्री का भाषण सुनने के बाद लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया है।
पायलट ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने गहलोत के धौलपुर में दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि एक तरफ यह कहा जा रहा है कि भाजपा हमारी सरकार को गिरा रही थी। दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। यह जो विरोधाभास है इसको समझना चाहिए, आप कहना क्या चाह रहे है, यह स्पष्ट कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं पिछले डेढ़ साल से चिट्ठी लिख रहा हूं कि वसुंधरा राजे की सरकार के शासन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सहित हमने भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए और कांग्रेस की सरकार बनने पर जांच कराने की बातें कहीं गई, इन आरोपों की जांच कराई जाये। लेकिन इन आरोपों की जांच क्यों नहीं हो पा रही है, अब मुझे समझ में आ रहा है कि अब तक जांच क्यों नहीं हुई। मेरे चिट्ठी लिखने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि मैं इस मांग को लेकर गत 11 अप्रैल को जयपुर में अनशन पर भी बैठा। अब मैं नाउममीद हूं क्योंकि तथ्य सामने आ रहे है, कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है और क्यों नहीं होगी, बात भी साफ है। इसलिए मैं ऐसा मानता हूं कि जनता ही भगवान और जनता जनार्दन के सामने नतमस्तक होना पड़ेगा। पायलट ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले भी आवाज उठाई थी और आगे भी उठाते रहेंगे।
पायलट ने कहा कि जब वह वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार एवं पेपर लीक आदि की बात करते है तो कोई जवाब नही आता है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद मैं उपमुख्यमंत्री था। वर्ष 2020 में देशद्रोह के मुकदमें में मेरे पर कार्रवाई करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मैं और मेरे साथी हम प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन चाह रहे थे। इस बात को लेकर हम लोग दिल्ली गये और एक कमेटी का गठन हुआ।
उन्होंने कहा कि हमारी बातों को सुनकर रोड मेप तैयार किया गया और समझौता हो गया और उसके अनुसार हम सदन और बाहर सब जगह चुनावों आदि में संगठन और सरकार को मजबूत करने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए ढाई साल कार्यकाल का निकलना, वह इस बात का प्रतीक है। अनुशान तोड़ने का काम कभी नहीं किया गया। कुछ लोग कांग्रेस पार्टी को कमजोर करना चाहते है।
पायलट ने कहा कि मुझे क्या कुछ नहीं कहा गया कोरोना, गद्दार, निकम्मा कहा गया, इस तरह की बातें बोली गई। अपने ही विधायकों को बदनाम करने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो परसो जो आरोप लगाए गए वे ढाई साल से सुन रहा हूं लेकिन हम पार्टी एवं सरकार की छवी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाह रहे है। पहली बार देख रहे है कि अपनी ही सरकार, अपने विधायक, अपने नेताओं को बदनाम किए जाने का काम हो रहा है। कांग्रेस के विधायकों को बदनाम किए जाने और भाजपा नेताओं का गुणगान हो रहा है, यह समझ से परे हैं, इस प्रकार का जो यह काम हुआ बहुत गलत है।