SABGURU NEWS | नयी दिल्ली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में ही बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस की उपेक्षा किये जाने संबंधी सभी रिपोर्टों को खारिज करते हुए आज कहा कि न तो सरकार और न ही वायु सेना किसी ने भी तेजस को नजरअंदाज नहीं किया है बल्कि सरकार तेजस मार्क-2 का भी बेसब्री से इंतजार कर रही है और चाहती है कि इनकी आपूर्ति बहुत तेज गति से होनी चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को तेजस की बड़ी संख्या में तेजी से आपूर्ति करने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए क्योंकि देश की जरूरत पूरी होने के बाद सरकार इसके निर्यात की संभावनाओं पर भी काम कर रही है।
श्रीमती सीतारमण ने यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, “सरकार ने तेजस को नजरअंदाज या खारिज नहीं किया है और न ही इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाला है। तेजस वायु सेना का हिस्सा है और रहेगा।” उन्होंने कहा कि तेजस के साथ केवल एक ही समस्या है कि एक साल में औसतन 6 तेजस की आपूर्ति से काम नहीं चलेगा। एचएएल को इसकी आपूर्ति की गति बढाने के हर संभव प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा , “एचएएल को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी । तेजस की आपूर्ति में तेजी लानी होगी भले ही आप किसी के साथ भागीदारी करें या किसी से काम करायें या एसेम्बिलिंग करायें।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार तेजस में निरंतर रूचि ले रही है, इसे बढावा और समर्थन दे रही है तथा वायु सेना और एचएएल के साथ निरंतर संपर्क में है। सरकार तेजस के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि केवल तेजस ही नहीं सरकार तो तेजस मार्क-2 का इंतजार कर रही है और यह संभव है लेकिन देखने की बात यह है कि हम इसे कितना जल्दी और मजबूती के साथ कर सकते हैं। सरकार तेजस के निर्यात की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। अनेक देशों ने तेजस के बारे में जानकारी ली है और अपनी रूचि दिखाई है। सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने तो खुद तेजस को उड़ाया है और इसकी सराहना की है।
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