SABGURU NEWS | जयपुर राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में चलाये जा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में निर्धारित मापदंडों के अनुसार गांवों का चयन किया गया है।
श्री राठौड ने आज विधानसभा के प्रश्नकाल में विधायक शंकर सिंह रावत के प्रश्न के जवाब में कहा कि योजना में ऎसे गांवों का चयन किया गया है जिनमें पिछले पांच वर्षों से पानी टैंकरों द्वारा जलापूर्ति हो रही है या जो फ्लोराइड की चपेट में हैं।
उन्होंने कहा कि अजमेर की जवाजा पंचायत समिति में जो गांव सभी मापदंड पूरे करते हैं, उन गांवों की डीपीआर तैयार करवाकर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तीसरे चरण में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत प्रथम चरण में 3 हजार 529 गांवों में 95 हजार से ज्यादा जल ढांचे बनाए गए। दूसरे चरण में 4 हजार 213 गांवों में एक लाख 29 हजार से ज्यादा जल सरंक्षण के ढांचे तैयार करवाए गए, जो आज भी वर्षा के पानी से लबालब हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के तीसरे चरण में 4 हजार 300 गांवों का चयन कर 1 लाख 50 हजार से ज्यादा जलगत ढांचे बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनके माध्यम से वर्षा जल का संग्रहण हो सकेगा।
श्री राठौड़ ने बताया कि जल सरंक्षण के लिए प्रदेश भर में आमजन को जागरूक करने के लिए कई तरह की गतिविधियां चल रही हैं, जिसमें जल बजट की बातों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत कराए गए कार्यों में से 10 प्रतिशत कार्यों का थर्ड पार्टी से जांच करवाने का प्रावधान रखा गया है, जिससे अभियान के तहत करवाए गए कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पहले चरण के तहत 450 गांवों में कराए गए कार्यों की थर्ड पार्टी जांच करवाई गई है।
कांग्रेस के विधायक भंवर सिंह ने अभियान के दौरान क्षेत्रीय विधायक को नहीं बुलाने पर इसे विधायकों के अधिकारों का हनन बताते हुये इसके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कायर्वाही करने की मांग की। इस पर श्री राठौड ने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम नहीं है बल्कि पानी के प्रति जन जागरूकता पैदा करने का अभियान है। यदि इस अभियान में विधायक भी शामिल नहीं होगे तो यह उनके लिये शर्म की बात है।
श्री राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान कोई सरकारी अभियान न होकर आमजन का अभियान है। उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों नेे इससे जुड़कर इसे आंदोलन का रूप देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत जलग्रहण (केचमेन्ट) क्षेत्र उपचार के कार्य, लघु सिंचाई योजना के कार्यो की मरम्मत, नवीनीकरण सुद्ढ़ीकरण, जलसंग्रहण ढांचों की क्षमता बढ़ाने के कार्य, पेयजल स्त्रोताें का सुदृढ़ीकरण करने के कार्य,चारागाह विकास एवं वृक्षारोपण इत्यादि कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत अजमेर जिले में अब तक क्रमशः प्रथम चरण में 1785.38 लाख रुपए एवं द्वितीय चरण में 771.11 लाख रुपए राज्य मद से उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल 24 भामाशाहाें (औद्योगिक प्रतिष्ठान/धार्मिक संगठन, जन प्रतिनिधि/दानदाता) द्वारा अब तक 40.42 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है, उन्होंने भामाशाह वार, विधानसभा क्षेत्रवार, पंचायत समितिवार प्राप्त की गई राशि का विस्तृत विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम एवं द्वितीय चरण के अन्तर्गत अजमेर जिले में जन प्रतिनिधियों, भामशाहों या एजेंसियों द्वारा कोई भी ग्राम गोद नहीं लिया है।
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