सबगुरु न्यूज-सिरोही। लालच और महत्वाकांक्षा का दूसरा नाम ही राजनीति है। यही राजनीति नगर परिषद चुनावों में दिख रही है। सिरोही की सभापति सीट सामान्य है। ऐसे में यहां पर सभापति बनने के लिए सभापति के दूसरे दावेदार अपनी ही पार्टी की उम्मीदवारों की कारसेवा में लगे हुए हैं।
भाजपा की बात करें तो वार्ड संख्या एक, तीन, छह, ग्यारह, सत्रह, बीस और 21 के उम्मीदवारों को उन्हीं की पार्टी के दूसरे पदाधिकारियों ने पैक करना शुरू कर दिया है। जाति की बात करो तो स्थानीय नहीं होने की और स्थानीय होने की दुहाई दे, तो उस जाति का नहीं होने की भ्रांति फैलाकर कारसेवा की जा रही है।
यही हाल कांग्रेस में है। यहां वार्ड संख्या दो, तीन, छह, पंद्रह, बीस, पच्चीस के उम्मीदवार इस दौड़ में माने जा रहे हैं। यहां भी सभापति बनने की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में एक दूसरे की कारसेवा में लग चुके हैं। अब जीत-हार का समीकरण किसके साथ बैठेगा ये बड़े नेताओं का नेतृत्व ही तय कर पाएगा।