सिरोही। अस्सी के दशक में जुबली कुमार राजेन्द्र कुमार की एक मूवी आई थी, ‘बिन फेरे हम तेरे’। ऐसा ही कुछ फिलहाल सिरोही जिले में हो गया, शनिवार को सरूपगंज में प्रदर्शित इस कार्यक्रम का नाम था ‘बिन मतदान हम प्रधान’। ये बात अलग है कि वो मूवी सेड थी, सिरोही में प्रदर्शित कार्यक्रम व्यंग्य का विषय बना हुआ है।
जिले में अभी पंचायत चुनाव होने बाकी हैं। कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी और भाजपा के भी प्रभारी घोषित हो गए। इससे पहले एक पंचायत समिति के प्रधान की स्व घोषणा हो चुकी है। जिले के राजनीतिक हलकों में शनिवार को पिण्डवाड़ा क्षेत्र में हुई इस राजनीतिक घटना हास्य-व्यंग्य का मुद्दा बन गई है। अपनी ही पार्टी में व्यंग्य का केन्द्र बन चुकी इस घटना के बाद पार्टी कार्यकर्ता चुटकी लेने लगे हैं कि इस स्वघोषित प्रधान को अब बस निर्वाचन अधिकारी द्वारा शपथ दिलवाई जानी बाकी है।
कार्यालय का उद्घाटन के बाद माल्यार्पण
कांग्रेस हो या भाजपा जिले में टिकिट वितरण का काम प्रदेश संगठनों के हाथों में होता है। ये सभी पार्टियों का अनुशासन है। लेकिन, कई बार कुछ लोग पार्टियों से ऊपर हो जाते हैं। ऐसा ही फिलहाल पिण्डवाड़ा पंचायत समिति में हुआ। वहां पर एक उद्यमी ने टिकिट वितरण की व्यवस्था शुरू होने से पहले ही स्वघोषित पंचायत समिति सदस्य और प्रधान घोषित कर दिया है।
विरोध भी जबरदस्त
इस घटना के बाद अपनी ही पार्टी में अंदरखाने इस हरकत का विरोध शुरू हो गया। पार्टी की रीति-नीति के विरुद्ध मानते हुए इसे अनुशासन हीनता भी माना जा रहा है। खुद को संगठन से ऊपर मानते हुए प्रदेश संगठन द्वारा नियुक्त प्रभारियों को दरकिनार करने की कोशिश माना जा रहा है।
पार्टी के माध्यम से दावेदारी की पेशकश!
इधर, सिरोही पंचायत समिति क्षेत्र में हुई एक पार्टी भी चुनावों से पहले चर्चा बटोर रही है। भाजपा के एक नेता द्वारा आयोजित निजी डिनर पार्टी को उनकी जिला प्रमुख की दावेदारी के लिए सहमति बनाने की कोशिश और घोषणा के तौर पर देखा जा रहा है।
बहुचर्चित चूरमा पार्टी में शामिल नेता के द्वारा आयोजित इस लंच में वो लोग भी पहुंचे जिन्हें खुद भी इस पद के लिए दावेदारी करनी है। बस नहीं पहुंचे तो वो नेता या उनके प्रतिनिधि जिनकी खिलाफत में पिछले महीने हुई चूरमा पार्टी का होना बताया जा रहा था।