नयी दिल्ली । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने आज कहा कि वैज्ञानिक ढंग से दलहन की खेती और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के इस्तेमाल से देश दाल के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है।
डा महापात्रा ने कृषि के प्रति युवाओं को प्रेरित एवं आकर्षित करने के लिए यहां आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में पिछले तीन साल से दलहन की पैदावार लगातार बढ रही है और अब वह दाल के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के कारण दलहन की पैदावार में भारी वृद्धि हुयी है। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्रों ने इसमें बड़ी भूमिका निभायी है। लगभग डेढ सौ कृषि विज्ञान केन्द्रों पर आधुनिक तकनीक से दलहन की खेती का प्रदर्शन किया गया तथा इन केन्द्रों पर इनके बीज की भी फसल ली गयी। सरकार ने दलहन के न्यूनतम समर्थ मूल्य में भारी वृद्धि की, इसके भंडारण के लिए बफर स्टाक बनाया गया तथा किसानों से इसकी समुचित खरीद की व्यवस्था की।
डा महापात्रा ने कहा कि देश में वर्ष 2017..18 के दौरान मौसम के अनुकूल रहने तथा सामान्य वर्षा होने के कारण प्रमुख फसलों का उत्पादन रिकार्ड 28.48 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो इसके पहले के वर्ष की तुलना में लगभग एक करोड़ टन अधिक है। वर्ष 2017-18 के दौरान दलहन की पैदावार 2.52 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इससे पहले वर्ष के दौरान दलहन की 2.31 करोड़ टन पैदावार हुयी थी। इस तरह इसमें 21 लाख टन वृद्धि होने का अनुमान है।