जोधपुर। हाल ही में कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए आसाराम का ऑक्सीजन लेवल रविवार को एक बार फिर घट गया। जेल प्रशासन ने उन्हें फिर एम्स ले जाना चाहा, लेकिन आसाराम ने वहां इलाज कराने को जाने से मना कर दिया। इसके बाद आयुर्वेद यूनिवर्सिटी से एक चिकित्सक को बुलाया। जांच करने के बाद उसे ऑक्सीजन दी जा रही है।
कोरोना मुक्त होने के बाद दो दिन पहले आसाराम को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया था। जोधपुर जेल में रविवार सुबह उसकी तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई। उसका ऑक्सीजन लेवल घट कर 92 तक आ पहुंचा। इसके बाद जेल में ही उसे ऑक्सीजन पर रखा गया।
जेल अधिकारी उसे एम्स वापस ले जाना चाह रहे थे, लेकिन आसाराम इस बात पर अड़ गया कि उसे सिर्फ आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से ही इलाज करवाना है। इसके बाद जेल प्रशासन ने करवड़ स्थित आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के डॉ. अरुण त्यागी को बुलाया। उन्होंने आसाराम की जांच की और कुछ दवा दी। उनकी जांच करने के बाद फिलहाल उसकी तबीयत स्थिर बनी हुई है।
डॉ. त्यागी ने बताया कि कोविड के कारण उनको कुछ दिक्कतें है। मैने उन्हें समझाया है कि इलाज के लिए जरूरी है कि उनकी कुछ जांच कराई जाए। ये जांच अस्पताल में ही हो सकती है। ऐसे में वे एम्स या एमडीएम अस्पताल में अपनी जांच करवा लें। इसके बाद यदि वे चाहेंगे तो हम आयुर्वेद से उनका इलाज शुरू कर देंगे। उसे प्रोस्टेट की समस्या पहले थी, वह अब और बढ़ गई है।
बता दें कि नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे आसाराम की जेल से बाहर आने की उम्मीदों को जोरदार झटका लगा था। कोरोना संक्रमित होने के बाद आसाराम की तरफ से हाईकोर्ट में दो महीनेे की अंतरिम जमानत देने का गुहार लगाई थी।
हाईकोर्ट ने जोधपुर एम्स से गठित मेडिकल बोर्ड गठित करके रिपोर्ट देेने को कहा था। इस बोर्ड ने दो दिन पहले ही आसाराम की तबीयत को एकदम सही करार दिया था। कुछेक मामलों में इलाज की आवश्यकता बताई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट ने उसकी अंतरिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया।
तीन दिन से वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं है। उसके पॉजिटिव आने के बाद अब 14 दिन पूरे हो चुके है। ऐसे में आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि 14 मई को पेट में अल्सर के कारण उसका हीमोग्लोबिन कम हो गया था।
आसाराम ने पहले खून चढ़वाने से मना कर दिया। बाद में 16 मई को वह ऐसा करने को तैयार हो गया। उसे दो यूनिट खून चढ़ाया गया। इसके बाद उसका हीमोग्लोबिन बढ़ गया। उसकी कुछ अन्य जांच की जानी प्रस्तावित थी, लेकिन आसाराम ने ऐसा करवाने से मना कर दिया।