अजमेर। हरियाणा की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कथित संत रामपाल की गिरफ्तारी को रविवार को चार साल पूरे हो गए, जिसके बाद अजमेर में बाबा के समर्थकों ने रैली निकाली तथा कलेक्ट्रेट के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर संत रामपाल को झूठा फंसाए जाने का आरोप लगाया तथा कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।
सुबह आजाद पार्क में संत रामपाल के समर्थकों का जमावडा होना शुरू हो गया था। दोपहर में सैकडों महिला और पुरुष समर्थक रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। चुनाव आचार संहिता के बावजूद कलेक्ट्रेट के बाहर सैकडों की संख्या में जुटे समर्थकों को देख पुलिस प्रशासन भी सकते में आ गया। लोगों को समझाइश कर नारेबाजी नहीं करने की हिदायत दी गई।
बतादें कि आज से ठीक 4 साल पहले 18 नवंबर 2014 को हरियाणा के बरवाला से ही कथित संत रामपाल की गिरफ्तारी हुई थी। इस दौरान काफी बवाल देखने को मिला था। इस बवाल के दौरान दर्जनों लोग घायल हो गए थे। हंगामे के दौरान एक बच्चे की मौत भी हो गई थी। उसी गिरफ्तारी की बरसी मनाने के लिए हत्या के दोषी पाए गए कथित बाबा रामपाल के समर्थकों ने अजमेर जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।
समर्थकों ने आरोप लगाया कि सरकार ने साजिश के तहत बाबा रामपाल को इस मामले में फंसाया है। मामला कोर्ट का होने के बावजूद संत रामपाल के समर्थक हाथों में रामपाल के समर्थन में लिखे नारों की तख्तियों थामें उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे। पुलिस के दखल करने पर समर्थकों ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने यहां आए हैं। ज्ञापन सौंपने के बाद सभी लौट गए।