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कोर्ट की दहलीज तक पहुंचा 'नवसंवत्सर' का वैज्ञानिक महत्व - Sabguru News
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कोर्ट की दहलीज तक पहुंचा ‘नवसंवत्सर’ का वैज्ञानिक महत्व

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कोर्ट की दहलीज तक पहुंचा ‘नवसंवत्सर’ का वैज्ञानिक महत्व

अजमेर। अधिवक्ता परिषद् राजस्थान की अजमेर इकाई की ओर से शनिवार को भारतीय नववर्ष की पूर्व संध्या पर जिला बार एसोसिएशन के सभागार में नवसंवत्सर के वैज्ञानिक महत्व विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं नवसंवत्सर समारोह समिति के अध्यक्ष सुनील दत्त जैन, मुख्य अतिथि कार्यवाहक जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजमाधुरी शर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रदेशाध्यक्ष जगदीश सिंह राणा थे। अध्यक्षता बार अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ ने की।

जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के कारण हम अपने त्योहार, उत्सवों से दूर होते जा रहे हैं, जबकि हमारी काल गणना के वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं। नवसंवत्सर के दिन बहुत ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घटनाएं घटी हैं इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं और जजों के विचार समाज के लिए मिसाल बनते हैं और समाज जिनको अनुसरित करता है, इसलिए इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज के बड़े वर्ग में नववर्ष को लेकर जागृति आएगी, ऐसा मेरा मानना है। उन्होंने इस आयोजन के लिए अधिवक्ता परिषद की स्थानीय इकाई का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बार अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

विशिष्ट अतिथि राणा ने अधिवक्ता परिषद की कार्यपद्धति पर प्रकाश डाला एवं कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री जेपी शर्मा ने किया। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारीयों, पक्षकारों ने भाग लिया।