नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस कोविड-19 के खतरे और लाॅकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए दूसरे प्रदेश के रहने वाले लोगों से दिल्ली छोड़कर अपने घर नहीं जाने की अपील की है। सभी लोगों के खाने का इंतजाम किया जा रहा है। कोई भी दिल्ली छोड़कर अपने घर न जाए। उन्होंने घर जा रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्य के लोगों से बार्डर से वापस लौटकर आने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ लाख बुजुर्ग, विकलांग और विधवाओं के खाते में सरकार ने 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि भेज दी है। अप्रैल के पहले सप्ताह में सभी के खाते में 5-5 हजार रुपये और भेज दिए जाएंगे।
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने और लाॅकडाउन की वजह से लोगों को आ रही समस्याओं के ताजा हालात पर केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक कर समीक्षा की। इस दौरान दिल्ली सरकार के मंत्रियों के अलावा पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि डाॅक्टर की एक टीम ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की दशा में की जाने वाली तैयारियों को लेकर विस्तार से अपनी रिपोर्ट दी है। उन्हें पूरा विश्वास है कि दिल्ली में जिस तरह से स्थिति अभी काबू में है, वैसी ही आगे भी रहेगी। अभी दिल्ली में कुल 39 मामले हैं। उन्तालिस मामलों में से 29 विदेश से आए लोगों के हैं और मात्र 10 मामले ऐसे हैं, जो स्थानीय संक्रमण के कारण हुए हैं। अभी स्थिति बहुत नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि दिल्ली में कोरोना वायरस नहीं फैले, लेकिन हम हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठेंगे। दूसरे देशों से अनुभव लेकर हमें अपनी तरफ से तैयारियां करके रखनी पड़ेगी। अगर दिल्ली में कोरोना वायरस तेजी से फैलता है, तो क्या हम उसके लिए तैयार हैं। कहीं ऐसा न हो कि दिल्ली में अचानक फैल जाए और हम तैयार नहीं हों। इसलिए उसकी तैयारी के लिए हमने पांच डाॅक्टर की टीम बनाई थी। उन्होंने जो रिपोर्ट दी थी, उस रिपोर्ट के मुताबिक सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।