मुंबई रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान में 0.8 प्रतिशत की भारी कटौती से घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को एक प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गयी।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 433.56 अंक यानी 1.14 प्रतिशत लुढ़ककर 37,673.31 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 139.25 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,174.75 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों का 19 सितम्बर के बाद का निचला स्तर है।
घरेलू शेयर बाजार की यह लगातार पाँचवीं गिरावट है। इन पाँच दिनों में सेंसेक्स 1,316.43 अंक और निफ्टी 396.45 अंक टूट चुका है।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की आज समाप्त तीन दिवसीय बैठक के बाद जारी बयानों में चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया गया। इससे पहले अगस्त में हुई बैठक में विकास दर 6.9 प्रतिशत रहने की बात कही गयी थी। इससे निवेश धारणा को गहरा धक्का लगा।
बयान जारी होने से पहले तक मामूली उतार-चढ़ाव में रहा बाजार औंधे मुँह लुढ़ककर लाल निशान में चला गया। नीतिगत ब्याज दरों में की गयी 0.25 प्रतिशत की कटौती भी बाजार को सँभालने में नाकाम रही।
बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनियों के साथ ही टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, बुनियादी वस्तुएँ, पूँजीगत वस्तुएँ और इंडस्ट्रियल्स समूहों ने बाजार पर सबसे ज्यादा दबाव बनाया। सेंसेक्स में कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी के शेयर ढाई से साढ़े तीन प्रतिशत तक टूटे। आईटी और टेक क्षेत्र की कंपनियाँ हरे निशान में रहीं। सेंसेक्स में टीसीएस, इंफोसिस और टेक महिंद्रा के शेयर सबसे ज्यादा चढ़े।
मझौली और छोटी कंपनियों पर अपेक्षाकृत कम दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 0.94 प्रतिशत टूटकर 13,713.79 अंक पर और स्मॉलकैप 0.79 प्रतिशत लुढ़ककर 12,808.66 अंक पर आ गया। बीएसई में कुल 2,865 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें 1,636 के शेयर हरे और 976 के लाल निशान में रहे जबकि 253 कंपनियों के शेयर दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित रहे।