नई दिल्ली। सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर प्रतिबंध लगा दिया है, इस संगठन का नेतृत्व अलगावादी नेता यासिन मलिक करता है। इससे पहले सरकार ने जमाते इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर हाल ही में प्रतिबंध लगाया था।
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने शुक्रवार को बताया कि जेकेएलएफ पर गैर कानूनी गतिविधियों निरोधक कानून की धारा – तीन (ए) के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि जेकेएलएफ कश्मीर घाटी में अलगाववादी विचारधारा फैलाने में लिप्त रहा है और यह 1988 से अलगाववादी गतिविधियों के साथ साथ हिंसा में भी शामिल रहा है।
जेकेएलफ वर्ष 1989 में कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल रहा है जिसकेे बाद इस समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में कश्मीर घाटी से पलायन करना पड़ा था। इस संगठन की कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अभियान में बड़ी भूमिका रही है।
गृह सचिव ने बताया कि जेकेएलएफ के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं। यह अलगाववादी संगठन भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या के लिए जिम्मेदार रहा है और विश्वनाथ सरकार के दौरान गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण में भी लिप्त रहा है। यह घाटी में आतंकवाद फैलाने के लिए धन उपलब्ध कराने में भी मददगार रहा है। वह सुरक्षा बलों पर पथराव करने वालों को भी धन उपलब्ध कराता रहा है।
उन्होंने कहा कि जेकेएलएफ की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस संगठन के खिलाफ 37 प्राथमिकी दर्ज की हुई है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी इसके खिलाफ कुछ मामले दर्ज किए हुए हैं।