सबगुरु न्यूज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचान क्षेत्र वाराणसी में संघ की शाखा पर बमों से हमले हुए हैं। कोई एक नहीं बल्कि कई बम फेंके गए। इस बम हमले को सीरियल बम बलास्ट भी कहा जा सकता है। हमले बड़े घातक थे, हमले की साजिश गहरी थी।
सीरियल बम हमले के निशाने पर संघ के स्वयंसेवक थे। वे स्वयंसेवक जो शाखा में उपस्थित थे और नियमित तौर पर शाखा आते थे। हमलावरों को शाखा से संबंधित सभी जानकारियां थी और उन्हें मालूम था कि यह शाखा महत्वपूर्ण है और इसमें उपस्थिति भी अच्छी रहती है।
सीरियल बम हमले की घटना को देखने से पता चलता है कि कई स्वयंसेवकों को मौत की नींद सुलाने की साजिश थी। घटना उसी समय में घटी है जब शाखा लग रही थी और शाखा में उपस्थिति भी अच्छी-खासी थी।
वाराणसी शहर के पितृकुणड शाखा को निशाना बनाया गया। पितृकुण्ड शाखा को क्यों निशाना बनाया गया? इसके पीछे तर्क यह है कि संघ की इस शाखा में उपस्थिति ज्यादा रहती है और वरिष्ठजन भी इस शाखा में नियमित तौर उपस्थित रहते हैं।
बम हमले में संघ के दो स्वयंसेवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं जबकि कई अन्य स्वयंसेवकों को बचाव के दौरान चोंटे लगी हैं। संघ के स्वयंसेवकों का कहना है कि हमारा सौभाग्य यह था कि हमलावरों का निशाना चूक गया, हमलावरों द्वारा फेंके गए बमों पर हमारी नजर पड़ गई और हमलोग सावधान होकर अपना बचाव करने मेें तत्पर हो गए थे।
अगर संघ के स्वयं सेवक अपना बचाव सावधानी पूर्वक नहीं करते तो फिर हमलावरों द्वारा कई लाशें बिछा दी जाती। क्योंकि उनकी साजिश भी लाशें बिछाने की ही थी। यह अलग बात है कि हमलावर अपनी कुइच्छा को पूर्ति करने से नाकाम रहे।
हमलों की प्रकृति देख कर लगता है कि ये हमलें गहरी साजिश के हिस्सें हैं, इनके तार लंबे हैं। हमले में असमाजिक तत्व कदापि नहीं हैं। असमाजिक तत्व कह कर हमले के असली गुनहगारों को बचाने की कोशिश हो रही है।
जब भी हिन्दुओं पर हमले होते हैं तब हमले की करतूत को असमाजिक तत्वों के कारनामें बता दिए जाते हैं। ऐसा एक गहरी साजिश के लिए होती है। सेक्युलर और मुस्लिम गठजोड़ का असमाजिक तत्व का ढाल हमेशा खड़ा हो जाता है। मीडिया भी हिन्दुओं पर हमले के असली गुनहगार मजहबी गुंडों को बचाने के लिए असमाजिक तत्वों का हाथ बता देता है।
ये हमले मुस्लिम गुंडों और मुस्लिम आतातायियों की ही करतूत होगी। इसके पीछे मुस्लिम आतंकवादी संगठनों की गहरी साजिश हो सकती है। वैसी ही साजिश है जैसी साजिश गोधरा ट्रेन दहन की थी। गोधरा में ट्रेन की बोगी को जलाकर करीब 80 कारसेवकों को मौत का घाट उतार दिया गया था।
गोधरा कांड की वीभत्स तस्वीर जिन लोगों ने भी देखी होगी उन लोगों की रोंगटे जरूर खड़े हो गए होंगे। गोधरा कांड की प्रतिक्रिया बड़ी ही भयानक हुई थी। उस समय भी राजनीतिक और मीडिया ने गोधरा कांड को असमाजिक तत्वों की करतूत कही थी। जब गोधरा कांड की जांच हुई तब पता चला था कि साजिश कितनी गहरी थी, साजिश में मुस्लिम संगठन, पाकिस्तान की आईएसआई और भारत के मुस्लिम नेता शामिल थे।
अफगानिस्तान पर तालिबान का जबसे कब्जा हुआ है तबसे भारत में तालिबान के कीड़े-मकोड़े हिंसक हो गए हैं। कश्मीर में हिन्दुओं की टारगेटिंग हमले हुए, कई हिन्दुओं को मौत का घाट उतार दिया गया। भारत में रहने वाले कोई एक नहीं बल्कि अनेक मुसलमानों ने पाकिस्तान की क्रिकेट मैच में भारत पर जीत पर किस प्रकार से देशद्रोही करतूत दिखाई है, यह भी उल्लेखनीय है।
भारत के जगह-जगह पर ऐसे मुसलमानों ने हिन्दुओं को डराने-धमकाने के लिए बम फोडे। दिल्ली के सीलमपुर इलाके में घर के सामने बम फोड़ने से मना करने पर एक बाल्मीकि परिवार-समाज के कई लोगों को हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। मीडिया भी इस खबर को दबा दिया।
सीलमपुर में मुसलमानों द्वारा किए गए हमले गंभीर थे फिर भी पुलिस ने बाल्मीकि समाज के घायल युवकों के साथ न्याय नहीं कर रही है। देश का तालिबानी करण करने के लिए ही ये सभी मुस्लिम हिंसाएं हिन्दुओं पर हो रही हैं।
जांच गंभीर तो होनी ही है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। योगी आदित्यनाथ देशद्रोहियों और मजहबी आधार पर हिंसा फैलाने वाले मुस्लिम गुंडोें को छोड़ने वाले नहीं है। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि संघ की शाखा पर हमले के दोषी देशद्रोहियों को सजा जरूर मिलेगी। अब देश का तालिबानी करण करने की मानिसकता रखने वाले तालिबान के कीडे-मकौडे पर गंभीर चोट करने और उन्हें देशभक्ति की पाठ पढ़ाने की आवश्यकता है।
आचार्य श्री विष्णुगुप्त
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