लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय व लखनऊ पीठ में सरकार की ओर से पैरवी के लिए तैनात 843 सरकारी वकीलों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
इनमें कई मुख्य स्थायी अधिवक्ता, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता, स्थायी अधिवक्ता व वादधारक शामिल हैं। साथ ही इन्ही पदों पर कुल 586 नए सरकारी वकीलों को नियुक्त भी किया गया है। 43 सरकारी वकीलों के मौजूदा पद बदले गए हैं। इनमें अधिकांश का प्रमोशन व कुछ के पद नीचे किए गए हैं।
सरकार के विशेष सचिव निकुंज मित्तल ने इस आशय के आदेश, वकीलों की सूची के साथ महाधिवक्ता को भेजे हैं। इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट में तैनात अपर महाधिवक्ता विनोद कांत समेत 505 सरकारी वकीलों की आबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है जबकि लखनऊ पीठ में तैनात दो मुख्य स्थायी अधिवक्ताओं अजय कुमार पांडेय व बसंत लाल यादव व 336 अन्य सरकारी वकीलों की आबद्धता खत्म कर दी गई है।
इसी क्रम में सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 366 व लखनऊ पीठ में 220 नए सरकारी वकील नियुक्त किए हैं। अभिनव नारायण त्रिवेदी को लखनऊ पीठ में बतौर मुख्य स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किया गया है। साथ ही इलाहबाद हाईकोर्ट में 23 व लखनऊ पीठ में 20 सरकारी वकीलों के पद बदले गए हैं।
अभी क्रिमिनल साईड के नए सरकारी वकीलों- एजीए प्रथम व एजीए द्वितीय की सूची जारी नहीँ हुई है। हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों के इस भारी फेरबदल से सोमवार को काफी गहमा गहमी रही।