सिंधुदुर्ग। भारतीय जनता पार्टी के कंणकवली से विधायक नीतेश राणे की याचिका को सिंधुदुर्ग जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश आर बी रोटे ने मंगलवार को खारिज कर दिया। शिव सेना के संतोष परब हमले के मामले में याचिका खारिज होने के बाद राणे की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राणे ने जिला सत्र न्यायालय में नियमित जमानत अर्जी के लिए आवेदन किया था और सोमवार को राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ताओं की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश रोटे ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और मंगलवार को अपराह्न तीन बजे अपना फैसला सुनाते हुए श्री राणे की याचिका को खारिज कर दिया।
इसके पूर्व गिरफ्तारी वारंट जारी किये जाने के बाद राणे जिला सत्र अदालत, बम्बई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके थे। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें सलाह दी थी कि पहले वे निचली अदालत के समक्ष हाजिर हों और नियमित जमानत के लिए याचिका दाखिल करें इसलिए वह सिंधुदुर्ग जिला सत्र अदालत के समक्ष हाजिर हुए और जमानत याचिका दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
जमानत याचिका खारिज होने के बाद अदालत के बाहर पुलिस ने राणे की कार को रोकने का प्रयास किया तो भाजपा और राणे के प्रशंसकों के अलावा राणे भी पुलिस पर नाराज हो गए और पुलिस को कहा कि वे उन्हें कानून सिखाने की कोशिश नहीं करें।
राणे उच्चतम न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका को खारिज होने के बाद उनके खिलाफ किसी भी कठोर कार्रवाई से राहत की मांग कर रहे थे। पुलिस ने शिव सेना के 44 वर्षीय कार्यकर्ता संतोष परब पर जानलेवा हमला करने का मामला राणे के खिलाफ दर्ज किया है।