अजमेर। राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में एक से आठ नवंबर तक आयोजित हो रहे ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला अंतर्गत राज्य सरकार के निर्देश पर लम्पी संक्रमण के चलते स्थगित श्रीपुष्कर पशु मेला 2022 में भाग लेने पहुंचे अनेकों पशुओं एवं पशुपालकों को आज पुष्कर मेला क्षेत्र से समझाइश के साथ खदेड़ दिया गया।
गौवंश में लम्पी संक्रमण तथा इसी तरह के अश्व वंश में भी संक्रमण की शिकायतों के चलते राज्य सरकार ने आदेश पर पशुपालन विभाग ने पशु मेला स्थगित कर दिया और यही कारण रहा कि प्रशासन की ओर से पुष्कर में पशु मेले के लिए किसी तरह के कोई प्रबंध नहीं किए गए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक नवंबर को पुष्कर मेले में प्रस्तावित यात्रा को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है और नियम व कानून का डर दिखाते हुए पशुपालकों को मेला क्षेत्र से रवाना कर दिया गया। हालांकि कई पशुपालकों ने इसका विरोध किया और अपनी रोजी रोटी का हवाला दिया।
इसके बावजूद प्रशासन ने एक न मानी और सैंकड़ों किलोमीटर से पुष्कर पहुंचे पशु व पशुपालकों को बाहर कर दिया गया। इतना ही नहीं पुष्कर के प्रवेश द्वार पर नाकाबंदी कर नये पशुओं के आगमन पर भी पूरी तरह विराम लगा दिया।
दुर्भाग्य यह है कि पुष्कर मेला आमंत्रण कार्ड पर पहली ही लाइन श्रीपुष्कर पशु मेला 2022 का आयोजन छपवाया गया है। इतना ही नहीं नीचे संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. प्रफुल्ल माथुर के नाम के साथ मेला अधिकारी श्रीपुष्कर पशु मेला अंकित किया गया है तथा पुष्कर उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल के नाम के साथ भी मेला मजिस्ट्रेट श्रीपुष्कर पशु मेला अंकित है।
इसके विपरीत कलेक्टर अंशदीप के नाम के साथ अध्यक्ष श्रीपुष्कर मेला सलाहकार समिति अंकित है। यह आमंत्रण कार्ड अपने आप में भ्रमित करने वाला है कि जब सरकार की ओर से ही पशु मेला स्थगित किया जा चुका है तो आमंत्रण कार्ड इस तरह क्यों भ्रमित कर रहा है।