नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस की सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के कारण जबरदस्त हंगामा हुआ और बाद में पार्टी सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कागजात फाड़े तो उसके सात सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया तथा सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में दिल्ली हिंसा की जाँच और इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने जबरदस्त हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। इस तरह इस सत्र में आज लगातार चौथे दिन दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा।
लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल बाधित होने के बाद भोजनावकाश के उपरांत जब कार्यवाही शुरू हुई तो सोनिया गांधी पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया। शोर-शराबे के बीच ही पीठासीन उपाध्यक्ष रमा देवी ने खनिज विनियमन (संशोधन) विधेयक बिना चर्चा के पास कराने की कोशिश की तो हंगामा कर रहे कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने प्रक्रिया संचालन संबंधी कागजात आसन से छीनकर फाड़ दिए।
तत्काल कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। तीन बजे पीठासीन उपाध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के सात सदस्यों गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनान, मणिकम टैगोर, गुरजीत सिंह औजला और राजमोहन उन्निथन को नामित किया और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव किया।
सदन ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को पारित कर सातों सदस्यों को मौजूदा सत्र की शेष पूरी अवधि के लिए निलंबित कर दिया। लेखी ने सातों निलंबित सदस्यों को तत्काल सदन से बाहर जाने का आदेश देते हुए सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले प्रश्नकाल बाधित रहने के बाद दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो कोरोना वायरस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वक्तव्य दिया। उन्होंने सदन को मौजूदा हालात से अवगत कराया। सदस्यों ने भी इस पर अपने सुझाव दिए। सुझाव देने के दौरान ही बेनीवाल ने सोनिया गांधी को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की जिसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।