नई दिल्ली। गैर भाजपा शासित सात राज्यों ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार मेडिकल तथा इंजीनियरिंग में प्रवेध के लिए होने वाली नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन को टाला नही गया तो केंद्र के इस निर्णय को उच्चतम न्ययालय में चुनौती दी जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई जिसमे इस मामले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने पर विचार विर्मश किया गया। कांग्रेस शासित तथा कांग्रेस समर्थित राज्यो के मुख्यमंत्रियों ने इस परीक्षा के आयोजन को कोविड-19 को देखते हुए छात्रों के साथ खिलवाड़ बताया और तत्काल इस पर रोक लगाने की केंद्र से मांग की।
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हिस्सा लिया।
बनर्जी ने सभी राज्यो से परीक्षाओं के मसले पर मिलकर लड़ने का अनुरोध किया और कहा कि छात्रों के जीवन को खतरे में नहीं डाला जाना चहिए। कैप्टन सिंह ने कहा कि छात्रों के जीवन से खिलवाड़ की अनुमति नही दी जाएगी। सोरेन ने उच्चतम न्यायालय जाने से पहले इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलने की सलाह दी।
बघेल ने भी राष्ट्रपति से मिलने और उच्चतम न्यायालय जाने का समर्थन किया। ठाकरे कोरोना के बीच अमरीका में स्कूल-कॉलेज खोलने से बनी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वहा लगभग 97 हज़ार बच्चे संक्रमित हुए थे। ऐसी स्थिति हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकती है। नारायणसामी ने कहा कि नीट-जेईई परीक्षा ही खत्म कर 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश होना चाहिए।