जयपुर। राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी एवं लू का कहर जारी है और इस सप्ताह इससे राहत नहीं मिलने की संभावना है वहीं पेयजल संकट भी बढ़ता जा रहा है।
तीन-चार दिन से तापमान में बढोत्तरी के कारण राज्य में अधिकतम तापमान पचास डिग्री को पार गया। इसके साथ लू चलने से लोग बेहाल हो रहे हैं और शहरों में दोपहर में सड़के सूनी सूनी नजर आने लगी है।
इस बीच मौसम विभाग ने दो दर्जन से अधिक शहरों में रेड अलर्ट जारी किया हुआ है वहीं आगामी चौबीस घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में लू चलने की चेतावनी जारी की है।
विभाग ने भीषण गर्मी के चलते रेड अलर्ट जारी किया है उनमें अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, टोंक व उदयपुर बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, नागौर, पाली एवं श्रीगंगानगर शामिल है।
पिछले चौबीस घंटों में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 50.3 डिग्री सेल्सियस चूरु में दर्ज किया गया जो सामान्य से आठ डिग्री अधिक रहा। इसी तरह गंगानगर में 48.8 बीकानेर एवं सीकर में 48.4 जोधपुर जिले के फलौदी में 48 कोटा में 47.4 तथा जैसलमेर में 47 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहने से भीषण गर्मी में लोग परेशान है।
इसी तरह इस दौरान जयपुर में भी अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है। जयपुर में न्यूनतम तापमान भी 34.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो सामान्य से सात डिग्री अधिक है।
राज्य में पड़ रही भीषण गर्मी में भी बाड़मेर, जैसलमेर एवं बीकानेर से लगती अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान मुस्तैदी के साथ सीमा की चौकसी कर रहे है।
तेज गर्मी में तपते रेगिस्तान में खड़ा रहना मुश्किल काम है वहीं बल के जवान बिना किसी छाया के सहारे गश्त कर सुरक्षा में लगे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गश्त के दौरान जवान गर्मी के भीषण प्रकोप से बचने के लिए नींबू रस, चीनी और नमक का घोल बार-बार लेते रहते हैं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
उधर, गर्मी के बढ़ने एवं मानसून पूर्व की वर्षा नहीं होने से राज्य में कई जगहों पर पेयजल संकट भी बढ़ता जा रहा है। दूरदराज के गांवों में जहां पेयजल के स्रोत तालाब, बेरियां आदि में पानी कम पड़ जाने से पेयजल संकट बढ़ा है वहीं शहरी क्षेत्रों में भी जयपुर सहित कई शहरों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने से लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है।
हालांकि बढ़ते पेयजल संकट के मद्देजर पेयजल आपूर्ति के समय बिजली नहीं काटने के निर्देश भी दिये गये है। इसके अलावा पेयजल संकट क्षेत्रों में टैंकरों के जरिए भी पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। राज्य में पेयजल को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और जहां भी पेयजल संकट हैं वहां निगरानी रखने तथा टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
राज्य सरकार ने पूर्व में पेयजल आपूर्ति के लिए सैकड़ों ट्यूबवेल स्वीकृत किए गए और कई पेयजल आपूर्ति से जोड़े भी जा चुके है। ट्यूबवेल खोदने में लापरवाही बरतने तथा देरी करने पर सरकार ने रिपोर्ट भी मांगी है।