लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने बुधवार को जलियांवाला बाग हादसे के 100वें वर्ष पूरा होने के मौके पर घटना की निंदा करते हुये इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर लगा हुआ ‘शर्मनाक धब्बा’ करार दिया।
मे ने कहा कि ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर वर्ष 1919 की जलियांवाला बाग की त्रासदी एक शमर्नाक धब्बा है। जैसा कि वर्ष 1997 में जलियांवाला बाग की यात्रा करने से पहले ब्रिटेन की महारानी ने कहा था, यह भारत के साथ हमारे पिछले इतिहास का एक दुखद उदाहरण है।
मिरर ऑनलाइन के अनुसार, उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ था उसका हमें बहुत अफसोस है। मैं खुश हूं कि आज ब्रिटेन और भारत के संबंध बहुत अच्छे हैं। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने हाऊस ऑफ कॉमन्स से कहा कि जलियांवाला बाग की दुखद घटना के 100वें वर्ष पर सरकार को स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए।
सिख फेडरेशन ने फेसबुक पर लिखा कि यह बहुत निराश करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रिटिश सरकार की ओर से माफी नहीं मांगी है। गौरतलब है कि वर्ष 1919 को पंजाब के जलियांवाला बाग में अंग्रेजों की ओर से की गई गोलीबारी में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। इनमें अधिकांश सिख समुदाय के लोग शामिल थे।