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Shaping Stylish Tomorrow SIAM’s Promise to automobile industry - SIAM ने स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन काॅन्क्लेव के 13वें संस्करण का आयोजन किया - Sabguru News
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SIAM ने स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन काॅन्क्लेव के 13वें संस्करण का आयोजन किया

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SIAM ने स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन काॅन्क्लेव के 13वें संस्करण का आयोजन किया
Shaping Stylish Tomorrow SIAM’s Promise to automobile industry
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जयपुर । जयपुर के होटल मेरियट में आयोजित 13वें SIAM स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन काॅन्क्लेव तथा 11वें आॅटोमोटिव डिज़ाइन चैलेंज को ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली।

एक दिवसीय सम्मेलन तथा आॅटोमोटिव डिज़ाइन चैलेंज के समापन का आयोजन सोसाइटी आॅफ इण्डियन आॅटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स SIAM द्वारा विषय ‘Shaping Tomorrow’s Mobility Business’ पर किया गया था। इसमें देश भर से जाने-माने एवं उभरते आॅटोमोटिव डिज़ाइनरों ने हिस्सा लिया तथा भारत में आॅटोमोबाइल्स स्टाइलिंग के भविष्य पर रोशनी डाली। इसके साथ युवाओं को आॅटोमोटिव डिज़ाइनिंग के लिए प्रोत्साहित करने हेतु SIAM ने उन्हें एक प्रतियोगिता -आॅटोमोटिव डिज़ाइन चैलेंज केे माध्यम से विशेष मंच उपलब्ध कराया, जिसका आयोजन दिन केे उत्तरार्ध में किया गया था।

आज के उपभोक्ता अपने वाहन को चुनते हुए आॅटोमोबाइल के स्टाइल और डिज़ाइन पर विशेष ध्यान देते हैं, इसलिए आॅटोमोबाइल उद्योग भी स्टाइल और डिज़ाइन को प्राथमिकता दे रहा है। सम्मेलन में भारत और दुनिया भर से वरिष्ठ डिज़ाइनरों ने हिस्सा लिया, अपने अनुभवों को साझा किया, आइकोनिक उत्पादो पर केस स्टडीज़, प्रभावी डिज़ाइन प्रक्रियाओं तथा ब्राण्ड्स में डिज़ाइन की भूमिका पर रोशनी डाली।

अपने स्वागत संबोधन के दौरान अनिल सैनी, चेयरमैन, सियाम स्टाइलिंग एण्ड डिज़ाइन ग्रुप ने कहा, ‘‘पिछले सालों के दौरान हमने महसूस किया कि विज़ुअल फीचर्स आज की तारीख में ब्राण्ड की छवि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं वास्तव में उपभोक्ता उत्पाद को खरीदते समय इसके स्टाइल और डिज़ाइन पर विशेष ध्यान देते हैं। हाल ही में प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेहतर उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए कार कंपनियों ने प्लेटफाॅर्म शेयरिंग रणनीतियां अपनाई हैं।

हालांकि बदलते समय के साथ हमारी रणनीतियों का बदलना भी ज़रूरी है और इसी के मद्देनज़र इन प्लेटफाॅर्म शेयरिंग रणनीतियों को कार माॅडलों के डिज़ाइन एवं स्टाइलिंग के बीच विभेद के द्वारा समर्थन दिया जाना चाहिए।’’ इस मौके पर कई अन्तर्राष्ट्रीय आॅटोमोटिव डिज़ाइनरों ने हिस्सा लिया जैसे मिस दिमित्री वाईसडोमिनी, डिज़ाइन प्रोजेक्ट मैनेजर, पिनिनफरनिया, इटली, थाॅमस डेल, डायरेक्टर- स्टेªट स्कूल आॅफ डिज़ाइन, माईक लेवी, हैड आॅफ मोबिलिटी, स्टेªट, ज़ेवियर डे ला चपेल, आर्कीटेक्ट इलेक्ट्रिक आॅटोनोमस, नव्या, मार्क डब्ल्यू जार्विस, हैड आॅफ क्रिएटिव सर्विसेज़, उनो मिंडा ग्रुप।

सत्र के दौरान डिज़ाइन, मोबिलिटी सीएमएफ रूझानों, इण्डिया डिज़ाइन स्टोरी, उपयोगकर्ता के आराम, भावी डिज़ाइन कौशल, इलेक्ट्रिक/ आॅटोनोमस व्हीकल डिज़ाइन तथा यूआई/यूएक्स की बदलती भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई, कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्नोत्त्तर सत्र हुए। कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।’’

इस मौके पर आॅटोमोटिव डिज़ाइन के दिग्गज प्रोफेसर गौरांग शाह, हैड, आईडीएस अहमदाबाद को आॅटोमोटिव स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन इंडस्ट्री में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने बजाज ‘टेम्पो टैªक्स’ के विकास में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने एम्बुलेन्स, कैश वैन और लक्ज़री वेरिएन्ट्स के लिए मैटोडोर और टैम्पो टैªवलर का भी डिज़ाइन तैयार किया है।

इस मौके पर मिस दिमित्री वाईसडोमिनी, डिज़ाइन प्रोजेक्ट मैनेजर, पिनिनफरनिया, इटली ने कहा ‘‘आॅटोमोबाइल और परिवहन उद्योग में तेज़ी से बदलाव आ रहे हैं। विकास के इस समय में पूरा उद्योग विजु़अल अनुभवों के दौर से गुज़र रहा है। इस विकास के बीच आॅटोमोबाइल ब्राण्ड्स के लिए दो प्रमुख क्षेत्रों यानि शेयर्ड मोबिलिटी और ओन्ड मोबिलिटी पेर ध्यान देना अनिवार्य है। जहां शेयर्ड मोबिलिटी उत्पाद एवं इसकी तकनीक पर आधारित है, वहीं ओन्ड मोबिलिटी ब्राण्ड के मूल्य एवं बाहरी डिज़ाइनों पर आधारित है।’’

इस दौरान आयोजित आॅटोमोटिव डिज़ाइन चैलेंज 18 में देश भर के प्रमुख डिज़ाइन संस्थानों के छात्रों ने हिस्सा लिया। हर साल प्रतियोगिता के आयोजन द्वारा ैप्।ड स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन ग्रुप, भारत में आॅटोमोबाइल स्टाइलिंग के प्रति उत्साह एवं रूचि बढ़ाने तथा स्थानीय स्टाइलिंग पेशेवरों के विकास के लिए प्रयासरत है। यह प्रतियोगितता उभरते डिज़ाइनरों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका देती है। आॅटोमोबाइल उद्योग की जूरी ने टाॅप तीन डिज़ाइनरों को चुन कर उन्हें सम्मानित किया।

थाॅमस डेल, डायरेक्टर, स्ट्रेट स्कूल आॅफ डिज़ाइन ने कहा कि‘‘मिनीमाइज़ करने के लिए हमें माइक्रोनाइज़ करने की ज़रूरत है। दो चरणों में कई प्रक्रियाएं बनाई जा सकती हैं। विकसित उपकरण डिज़ाइन के नए दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हैं तथा उत्पादों के विकास चक्र को तीव्र करने में मदद करते हैं।’’

यह प्रतियोगितता उभरते डिज़ाइनरों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका देती है। आॅटोमोबाइल उद्योग की जूरी ने टाॅप तीन डिज़ाइनरों को चुन कर उन्हें सम्मानित किया। एनआईडी से नीरज जवाले को एडीसी 18 का सम्मान दिया गया, इसके बाद एनआईडी से समरजीत वघेला को प्रथम रनरअप और डीवायपीडीसी से सिद्धार्थ रथ को द्वितीय रनरअप का पुरस्कार मिला। दर्शकों में युवा डिज़इनर, स्टाइलिंग एवं डिज़ाइन इंजीनियर, आपूर्तिकर्ता, छात्र, डिज़ाइन प्रेक्टिशनर तथा आॅटोमोटिव समुदाय से टेकनिकल एवं मैनेजमेन्ट कर्मचारी शामिल थे।

ज़वियर डे ला चपेले, आर्कीटेक्ट इलेक्ट्रिक आॅटोनोमस ने कहा कि ‘‘यूरोप के अग्रणी आॅटोनोमस वाहन निर्माता के रूप में हमें खुशी है कि हम भारत में नई मोबिलिटी सेवाओं की शुरूआत करने जा रहे हैं। आने वाले समय में हम भारत में आॅटोनोमस वाहनों के निर्माण के लिए कई और भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करेंगे।’’

SIAM के बारे में
सोसाइटी आॅफ इण्डियन आॅटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स एक गैर लाभ राष्ट्रीय संस्था है जो भारत के सभी प्रमुख वाहन एवं वाहन-इंजिन निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करती है। ैप्।ड इस दृष्टिकोण के साथ भारतीय आॅटोमोबाइल उद्योग के स्थायी विकास को समर्थन प्रदान कर रही है कि भारत दुनिया भर में आॅटोमोबाइल के निर्माण एवं डिज़ाइनों की दृष्टि से पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरे। यह भारतीय आॅटोमोबाइल उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, वाहनों की लागत कम करने, उत्पादकता बढ़ाने तथा गुणवत्ता को विश्वस्तरीय मानदण्डों के समकक्ष लाने हेतू भी प्रयासरत है।