मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) जाने फैसला रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं ईडी को बताना चाहता था कि कंपनी में कोई पद नहीं लिया था और न ही डायरेक्टर था। इसके बावजूद मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। उन्होंने कहा कि इस घोटाले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें, पवार ने धन शोधन मामले में शुक्रवार को ईडी कार्यालय में आने की बात कही थी। इसके बाद गुरुवार को ही पुलिस ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी और एक स्थान पर चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गयी है। इसके साथ ही ईडी के कार्यालय से संबंधित बालार्ड एस्टेट थाना समेत सात अन्य थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। पवार ने ईडी कार्यालय जाने का एकतरफा फैसला किया था क्योंकि उनकी पेशी के लिए ईडी की ओर से कोई समन नहीं जारी किया है।
पवार ने बना दिया राजनीतिक मुद्दा
राकांपा प्रमुख ने बिना बुलाए प्रवर्तन निदेशालय जाने की घोषणा करके इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया। आगामी विधानसभा चुनाव में यह निर्णायक मोड़ भी साबित हो सकता है। इस राजनीतिक लक्ष्य में पवार को विपक्ष के अन्य दलों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। विपक्ष का मानना है कि इस मुद्दे पर 78 वर्षीय पवार के पक्ष में सहानुभूति जुटाकर भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना के पक्ष में चल रही लहर की काट ढूंढ़ी जा सकती है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी इस ताज़ा कार्रवाई के शिकार राकांपा अध्यक्ष पवार बने हैं। उन्होंने कहा कि पवार महाराष्ट्र के बड़े नेता हैं, इसलिए राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनको निशाना बनाकर बदनाम करने की कोशिश की गयी है।
गांधी ने ट्वीट किया, “शरद पावर जी ताज़ा उदाहरण हैं जो बदले की भावना से काम करने वाली सरकार के निशाने पर आये हैं। राजनीतिक अवसर को भुनाने के मकसद से उन पर महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से ठीक एक महीने पहले ईडी की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की गयी है।”
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हुए 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पवार एवं उनके भतीजे अजीत पवार सहित करीब 70 नेताओं के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। ईडी की तरफ से हालांकि बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया गया था कि उसकी ओर से एनसीपी अध्यक्ष को कोई समन नहीं भेजा गया है।