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Shardiya Navratri 2018 date time and shubh Muhurat-शारदीय नवरात्रा : इस बार घट स्थापना के दो मुहूर्त - Sabguru News
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शारदीय नवरात्रा : इस बार घट स्थापना के दो मुहूर्त

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शारदीय नवरात्रा : इस बार घट स्थापना के दो मुहूर्त

सबगुरु न्यूज। शारदीय नवरात्रा 10 अक्टूबर को आरम्भ होगा। सूर्योदय के बाद प्रतिपदा सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक ही है तथा इस दिन चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग भी है। अतः नवरात्रा की घट स्थापना सुबह 7 बज कर 27 मिनट के पूर्व ही हो जानी चाहिए। चित्रा ओर वैधृति योग नवरात्रा स्थापना मे दूषित माना गया है। इसलिए इसके आद्य चरण का त्याग करके घट स्थापना करनी चाहिए।

चित्रा ओर वैधृति योग का आद्य चरण तो 9 अक्टूबर को ही समाप्त हो जाएगा। अत: स्थापना की जा सकती है। उसके बाद द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी ओर उस तिथि का भी क्षय हो जाएगा। अर्थात सूर्य की उदित तिथि के अनुसार दूसरा नवरात्रा टूट रहा है। नवरात्रा स्थापना के दूसरे दिन ही तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी।

जिन शहरों में सूर्योदय 6 बजकर 39 मिनट के बाद होता है, उन शहरों में एक मुहूर्त प्रतिपदा कम होने के कारण घट स्थापना दिनांक 9 अक्टूबर 2018 को ही अमावस्या तिथि के बाद की जा सकती है। राजस्थान में बालोतरा, बाड़मेर और जैसलमेर में घट स्थापना का मुहूर्त 9 अक्टूबर को अमावस्या के बाद ही होना चाहिए।

शारदीय नवरात्रा का आरंभ आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। इस वर्ष आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा दिनांक 9 अक्टूबर को अमावस्या की समाप्ति के बाद सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो जाएगी। उसके बाद घट स्थापना होगी। यह एक सामान्य सिद्धांत हैं।

मान्यताओं के कारण सूर्य की उदय तिथि इन ज्योतिष गणित सिद्धांत को छोड़ देती है और सूर्य की उदय तिथि व्रत, मुहूर्त, त्योहार को बदल देती है। समस्या जब आती है यदि सूर्य की उदित तिथि का मान कम होता है और एक मुहूर्त का निर्माण भी नहीं होता है। ऐसे में सूर्य उदय की तिथि के स्थान पर गत तिथि का मुहूर्त भी मान्य कर लिया जाता है और अमावस्या युक्त नवरात्रा को भी उचित माना जाता है। इसी कारण से इस साल नवरात्रा घट स्थापना के मुहूर्त दो दिन हो गए हैं।

9 अक्टूबर 2018 को

अमावस्या खत्म होने के बाद शारदीय घट स्थापना राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बालोतरा में तथा गुजरात के सुरेन्द्र नगर, गांधीधाम, राजकोट, जामनगर, द्वारका, पोरबंदर, भुज, जूनागढ, सोमनाथ में शारदीय नवरात्रा की घट स्थापना 9 अक्टूबर को ही होगी क्योंकि 10 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अंतर कारण एक मुहूर्त भी स्थापना का नहीं मिलेगा।

10 अक्टूबर 2018 को

सम्पूर्ण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल तथा गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, बडोदरा, आनंद, भावनगर, भरूच, मेहसाणा, पालनपुर, हिम्मत नगर और बलसाड में 10 अक्टूबर को सूर्य की उदित तिथि में एक मुहूर्त मिलने से 10 अक्टूबर 2018 को ही शारदीय नवरात्रा के घट स्थापना का मुहूर्त माना गया है।

शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार वर्ष में चार बार ऐसे अवसर आते हैं जिन्हें हम नवरात्रा के नाम से जानते हैं। इनमें से दो नवरात्रा सार्वजनिक होने के कारण उनके प्रकट नवरात्रा कहते हैं तथा दो नवरात्रों में पूजा व्यक्ति गुप्त रूप से करता है, इस कारण ये गुप्त नवरात्रा कहलाते हैं।

चैत्र और आश्विन मास की शुक्ल की शुक्ल प्रतिपदा से शुक्ल नवमी तक प्रकट नवरात्रा तथा माघ और आषाढ़ मास की शुक्ल प्रतिपदा से शुक्ल नवमी तक गुप्त नवरात्र माना जाता है। चैत्रीय नवरात्रों को बसन्तीय नवरात्रा तथा अश्विन के नवरात्रा को शारदीय नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है।

देवी भागवत के तृतीय स्कन्ध के 26वें अध्याय में प्रसंग आता है कि जनमेजय ने श्रीव्यास जी से प्रश्न किया है। गुरुदेव, मुझे आप नवरात्र की विषय में आपके मुखारविंद से सुनने की इच्छा है। इस प्रश्न का सम्यक प्रकारेण व्यास जी ने विस्तृत वर्णन किया। राजन बसंत ऋतु के नवरात्रि में श्रद्धा और प्रेम से भगवती की आराधना आवश्यक है।

बसंत और शरद ऋतु को यमदंष्ट्र नाम दिया गया है और प्राणी मात्र के लिए रोगकारी यह समय है अतः इससे बचने के लिए मनुष्य को चाहिए कि नियम संयम का पालन कर शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए दुर्गार्चन में तत्पर हो जाए। ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं।

सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर